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*आप मेरी मति के पति बन जाओ है कृष्ण आचार्य श्री डॉ मुकेश भारद्वाज*



*श्री बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत महायज्ञ के तृतीय दिवस के अवसर पर आचार्य श्री डॉ मुकेश भारद्वाज जी द्वारा पितामह भीष्म और भगवान श्री कृष्ण के बीच में अंतिम समय में हुए संवाद के दौरान पितामह भीष्म के द्वारा कहे गए हे नाथ जो यह मेरी मति है आप उसके पति बन जाओ जिससे कि मैं अपना चित आप में लगाकर आपके स्वरूप में विलीन हो सकूं आज तृतीय दिवस के अवसर पर महाराज श्री ने पृथ्वी की रचना ब्रह्मा के सभी पुत्रों की उत्पत्ति, धृतराष्ट्र गांधारी कुंती और पांचो पांडवों द्रौपदी सहित वन गमन और राजा परीक्षित को श्राप मिलना और व्यास पुत्र श्री शुक देव जी महाराज जी के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा को सुनना जिसके दौरान भगवान कपिल की उत्पत्ति सांख्य उपदेश और ध्रुव चरित्र की कथा के साथ आज की कथा को विश्राम दिया कथा के मुख्य यजमान करता कृष्ण स्वीट्स हाउस लुधियाना पंजाब, ऊना हिमाचल के द्वारा शांतिनिकेतन श्री बद्रीनाथ धाम में हो रही है*

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