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Hemant Khandelwal BJP : लोस चुनाव संयोजक हेमंत के नेतृत्व में भाजपा का एमपी में क्लीन स्वीप

Hemant Khandelwal BJP बैतूल। अपने बेहतर मैनेजमेंट और दी गई जिम्मेदारी को शिद्दत से निभाने की कला में माहिर पूर्व सांसद और वर्तमान बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने शीर्ष नेताओं को अपना मुरीद बना दिया। वर्तमान में वे कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के प्रदेश संयोजक होने के साथ भोपाल में बन रहे भाजपा के नए भवन का काम अपनी देखरेख में करा रहे हैं। कुछ माह पहले उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश संयोजक बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। मंगलवार को जब नतीजे आए तो कांग्रेस का पूरा सूपड़ा साफ हो गया है। कहीं न कहीं 29-0 से उनका कद भाजपा में बढ़ने के साथ उन्हें प्रस्तावित मंत्री मंडल में स्थान दिए जाने के अलावा अन्य महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपने की प्रबल संभावना है।

महज 15 वर्षों में हेमंत खंडेलवाल ने बैतूल से भाजपा की राजनीति की शुरुआत 2009 में हुए लोकसभा उपचुनाव से की। बिना किसी पद पर रहते हुए उन्होंने कांग्रेस के सुखदेव पांसे को उन्होंने करीब 39 हजार मतों से पराजित किया था। इसके बाद वे भाजपा के जिला अध्यक्ष, प्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष भी बनाए गए। दो मर्तबा उन्हें विधानसभा में पहुंचने का मौका मिला है। संगठन पहले से ही उन पर इतना अधिक भरोसा करते आया है कि कई दिग्गजों को छोड़ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से उन्हें नवाजा जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें लोकसभा चुनाव के पहले उन्हें प्रदेश की 29 सीटों के लिए संयोजक बनाकर पार्टी के उम्मीदवारों को जीत दिलाने की जवाबदारी सौंपी। इसे संयोग ही गए है कि एग्जिट पोल में कांग्रेस 2-3 सीट पर जीत हासिल करते दिख रही थी, लेकिन मोदी लहर के बाद लोकसभा संयोजक हेमंत के जबरदस्त तालमेल के प्रदेश में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला है। अधिकांश लोकसभा पर पार्टी के उम्मीदवार जबरदस्त बढ़त बनाए हुए हैं।

पहले ही 29-0 की रिपोर्ट हाईकमान तक पहुंची

जानकार सूत्र बताते हैं कि प्रदेश चुनाव प्रभारी और प्रदेश संयोजक हेमंत ने प्रदेश में अंतिम चरण के चुनाव के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्रीय भाजपा संगठन को भेज दी थी। इसमें सभी 29 सीटे जीतने का दावा किया गया था। यह रिपोर्ट मंगलवार को परिणाम के बाद अक्षरश: सही साबित हुई है। कोई भी यह मानने को तैयार नहीं था कि एमपी में भाजपा सभी 29 सीट जीतेगी, लेकिन जिस तरह से हेमंत ने प्रदेश संयोजक रहते हुए वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल स्थापित कर भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई है। इसकी संगठन के शीर्ष नेता मुक्तकंठ से प्रशंसा कर रहे हैं।

एमपी में क्लीन स्वीप के कई मायने

भाजपा को इस बार अपने बलबुते स्पष्ट बहुमत मिलते नहीं दिखाई दे रहा है। एनडीए भी 290 से 300 सीट सिमट गया है। पार्टी को केवल हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में क्लीन स्वीप का मौका मिल रहा है, लेकिन दोनों ही राज्य काफी छोटे हैं। एमपी में 29 सीटें जीतना अपने आप में कई मायने रखता है। पूरे देश में एमपी के क्लीन स्वीप से हेमंत के कद में जबरदस्त इजाफा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्हें प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से नवाजा जाना तय माना जा रहा है।

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