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गुलाबी नगरी में सजी सुरों की महफिल, गुजरे जमाने की यादें हुई ताजा

जयपुर, रविवार। अंतर्राष्टृीय वैश्य महासम्मेलन, जयपुर सुर संगम और रोटेरी क्लब जयपुर सिटीजन के संयुक्त तत्वावधान में गुलाबी नगर में एल.पी.-आर.डी. बर्मन नाईट एन इवनिंग विद लक्ष्मीकांत प्यारेलाल एंड आर.डी. बर्मन का रंगारंग आयोजन रविवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में हुआ। आयोजन समिति के अध्यक्ष सुधीर जैन गोधा ने बताया कि कार्यक्रम में देश के ख्यातिप्राप्त गायकों ने 70 और 80 के दशक के 28 बॉलीवुड गानों की शानदार प्रस्तुतियां दी।
म्यूजिकल ग्रुप के गुल सक्सैना और प्रियंका मित्रा ने हंसता हुआ नूरानी चेहरा, आलोक कटघरे ने गाड़ी बुला रही है, सर्वेश मिश्रा ने पर्दा है पर्दा, आलोक कटघरे और सर्वेश मिश्रा ने यम्मा-यम्मा, सर्वेश मिश्रा ने आने से उसके आए बहार, सर्वेश मिश्रा और प्रियंका मित्रा ने जिंदगी की ना टूटे लड़ी और सोलह बरस की बाली उमर को सलाम और सांग ऑफ द मिलेनियम एक प्यार का नगमा है जैसे एवरग्रीन बॉलीवुड गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी।
गोधा ने बताया कि कार्यक्रम में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और आर.डी. बर्मन टीम मंुबई के बांसुरी वादक मोहित शास्त्री, वॉयलिन वादक जीतू ठाकुर, टृम्पेट वादक किशोर सोढा, की-बोर्ड प्लेयर संजय मराठे, सेक्सोफोन वादक नागेश कोली, टृम्बोन प्लेयर ब्लास्को मोंसोरेट, तुम्बा प्लेयर समित पेडणकर, डृम प्लेयर सुमित सरफरे, गिटार वादक बृजेश शाह और ढोलक वादक विजय जादव सहित 34 ख्यातिप्राप्त साजिंदों ने वाद्ययंत्रों पर संगत कर कार्यक्रम में चार चांद लगाए। इन सभी म्यूजिसियंस ने बॉलीवुड फिल्म शान, शोले, शालीमार, बाजीगर, हम दिल दे चुके सनम, देवदास, लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर, कुर्बानी, सागर, डिस्को डांसर और आराधना फिल्म के गानों सहित 6 हजार से ज्यादा गीतों को संगीत से सजाया है।

इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में छह सौ से अघिक बॉलीवुड फिल्मों में धुन देने वाले किशोर सोढा, बांसुरी वादक म्यूजिक अरेंजर मोहित शास्त्री, टृंबोन वादक ब्लास्को मोजोरेट और वायलिन वादक जीतू ठाकुर को सम्मानित किया गया।

जयपुराइट्स में दिखा उत्साह
कार्यक्रम को लेकर जयपुराइट्स में गजब का उत्साह देखने को मिला। तपती धूप में लोग दोपहर से ही कतारों में खड़े हो गए। गीतों की प्रस्तुतियों के दौरान श्रोता खड़े होकर झूमने लगे। संगीत के इस कार्यक्रम को लेकर महिलाओं और युवाओं में जबर्दस्त उत्साह था। लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से गायक कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

कार्यक्रम में मनीष जैसनसरिया, मोतीसंस के नवल अग्रवाल, स्पेक्टृा के सीएमडी प्रमोद जैन, इंसुलेशन एनर्जी के मनीष गुप्ता, बिंदुजा एक्सपोर्ट के मोहित गर्ग और सिटी वॉयस के राजेश अग्रवाल, आयोजन समिति के अध्यक्ष रोटेरियन सुधीर जैन गोधा, उपाध्यक्ष सीए संजय पाबुवाल, मुख्य संयोजक सीए नरेंद्र मित्तल, अवधारणा और संग्रहालयाध्यक्ष अनुराग दीक्षित, कोषाध्यक्ष सीए आर.के. गुप्ता, समन्वयक जितेंद्र मित्रुका, मुकेश गुप्ता, धर्मेंद्र चब्र, संजय अग्रवाल और समन्वयक सीए मनोज जैन सहित महिला, पुरुष और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि लक्ष्मीकांत कुडलकर का जन्म 1937 में हुआ था और इनके पिता का नाम शांताराम था। प्यारेलाल शर्मा का जन्म 1940 में हुआ था और इनके पिता का नाम रामप्रसाद था। इस संगीतकार जोड़ी ने 1963 से 1998 तक 750 फिल्मों के गानों को संगीत दिया जिसे आज भी पसंद किया जाता है।
आर.डी. बर्मन ऐसे संगीत निर्देशक थे जिन्होंने 1960 से 1990 के बीच 331 फिल्मों में संगीत निर्देशन किया। इन्होंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया।

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