हज़रत ख़्वाज मोइनूदिन चिश्ती की दरगाह के गुंबद और ताज अब माँग रहा है काम लेकिन दरगाह कमेटी दे नहीं रही काम की इजाज़त ना ही ख़ुद काम करा रही
दरगाह ख़्वाज ग़रीब नवाज़ में दरगाह कमेटी दरगाह मैं काम की इजाज़त नहीं दे रही दरगाह के गुंबद और ताज माँग रहे है काम लेकिन और जो ख़ादिम काम करना चाहते है उन्होंने ने दरगाह को लेटर भी दिया है लेकिन माइनॉरिटी की दरगाह कमेटी उस की इजाज़त नहीं दे रही और दरगाह मैं बहुत से काम है लेकिन किसी भी काम की इजाज़त दरगाह कमेटी नहीं दे रही दरगाह मैं ज़मीन पर लगे मार्बल भी टूट रहे है लेकिन ना तो दरगाह कमेटी ख़ुद लगा रही ना ही किसी को लगवाने दे रही मार्बल टूटे होने से दरगाह आने वाले ज़ियरीन के पैर मैं लग रही है चोट ख़ुद्दाम ख़्वाज जो के गद्दी नशीन भी है दरगाह के वो काम करना चाहते है दरगाह मैं