
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कई छात्रों को पूरक परीक्षा में मिले शून्य, कुलसचिव ने दिया ये जवाब
दरअसल, अभी सालभर मौज मस्ती करने के बाद छात्र माता-पिता की बातें सुनने से बचने के लिए बहाना बना देते थे कि हमने तो पूरा पेपर किया था, पता नहीं उन्हें शून्य नंबर कैसे मिल गया? सारा दोष शिक्षकों के सिर पर मढ़कर खुदकी साफ छबि बना लेते थे। अब ऐसा नहीं चलेगा।
एक और नया कारनामा कर दिया है. इस बार बीए और बीकाम की पूरक परीक्षा देने वाले दर्जनों छात्रों को शून्य या 10 से कम नंबर ही मिले हैं। विद्यार्थी परेशान हैं कि उन्होंने पूरा पेपर किया था उसके बाद भी उन्हें शून्य नंबर कैसे मिल सकते हैं?
कुल सचिव का कहना है कि अनेक बार छात्र ऐसे जवाब नहीं लिखते जिसमें कोई नंबर दिया जाए और बाद में आरोप लगाते हैं। इसलिए जो बच्चों को शून्य नंबर मिले हैं, उनके अभिभावकों को विश्वविद्यालय बुलाकर उनके सामने ही पुनर्मूल्यांकन कराया जाएगा।
उत्तर पुस्तिका अभिभावकों के सामने खोले जाएंगी
नई शिक्षा नीति के तहत जिन छात्रों को 35 अंक से कम अंक मिलते हैं उन्हें ग्रेड पॉइंट और क्रेडिट मार्कस जीरो मिलते हैं इसलिए भी छात्रों में भ्रम फैल रहा है कि उन्हें जीरो अंक प्राप्त हो रहे हैं। सैद्धांतिक प्रश्नों में जीरो अंक प्राप्त हुआ है तो इसकी जांच वह जरूर करेंगे। यदि यह गड़बड़ी हुई है तो इन छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं को उनके अभिभावकों के सामने खोला जाएगा।
छात्र या छात्रा ने क्या लिखा है और उसे क्यों शून्य अंक प्राप्त हुआ है?
कुल सचिव का कहना है कि अनेक बार छात्र ऐसे जवाब नहीं लिखते जिसमें कोई नंबर दिया जाए और बाद में आरोप लगाते हैं. इसलिए जो बच्चों को शून्य नंबर मिले हैं, उनके अभिभावकों को विश्वविद्यालय बुलाकर उनके सामने ही पुनर्मूल्यांकन कराया जाएगा. ताकि वह देख सकें कि छात्र या छात्रा ने क्या लिखा है और उसे क्यों शून्य अंक प्राप्त हुआ है?