
कोयली गांव में धूमधाम से की गई मां काली की पूजा अर्चना
सीतामढ़ी (बिहार)। नानपुर प्रखंड के कोयली गांव स्थित पाठक टोल में बटेश्वर झा की अध्यक्षता में दिवाली की रात मां काली की पूजा अर्चना बड़ी धूमधाम से की गई।
इस अवसर पर श्री झा ने बताया कि दीपावली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। रोशनी का यह पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन घर परिवार की सुख-समृद्धि के लिए गणेश भगवान और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। इनके साथ इस दिन महानिशा यानी मां काली की आराधना करने का विशेष महत्व है। वैसे तो प्रतिदिन काली पूजन करना शुभ फलदायी है, लेकिन दिवाली की रात की गई पूजा से मां काली अत्यंत प्रसन्न होती हैं।
हरिकेश झा ने बताया कि, पौराणिक मान्यता के अनुसार, राक्षसों का संहार करने के बाद भी महाकाली का क्रोध शांत नहीं हुआ तो मां काली के इस रौद्र रूप को शांत करने के लिए भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए थे। भगवान शिव के शरीर के स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई, जबकि इसी रात इनके रौद्र रूप काली की पूजा की जाती है।
इस मौके पर सुजीत,मौसम,चुलबुल,बलवीर,मनीष ,मोनू एव समस्त पाठक टोल के लोग उपस्थित थे।