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श्री मद् भागवत कथा में हुआ श्रीकृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव का वर्णन



धरती पर बढ़ते अत्याचार को मिटाने और धर्म की स्थापना के लिए प्रभु लेते हैं जन्म : आचार्य राधा चेतन

मेरठ। श्री मद् भागवत कथावाचक आचार्य राधा चेतन स्वामी ने कहा कि, 'जब जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है।'

श्री राधाचेतन स्वामी आचार्य राधा चेतन स्वामी मेरठ के नगली ताशा बिजलीघर के पास डी ब्लॉक, डिवाइडर रोड, कंकरखेड़ा स्थित भगवती कुंज में श्रद्धालुओं को श्री मद् भागवत पुराण की कथा का रसपान करवा रहे थे। कथा वाचक ने कहा कि, 'जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया।' कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूम उठे। इस अवसर पर कथा पंडाल को सजाया गया था।

श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए आचार्यश्री ने बताया कि, 'मथुरा में कंस के कारागार में कैद वासुदेव- देवकी की आठवीं संतान के रूप मं भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान का जन्म होते ही जेल के सारे पहरेदार सो गए तथा जेल के ताले टूट गए। वसुदेव ने भगवान श्रीकृष्ण को बरसात की रात में भीगते हुए नंद गांव पहुंचाया। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था। इसलिए नंदगांव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया।' कृष्ण जन्म की खुशी में शुक्रवार को कथा स्थल को विशेष रूप से सजाकर माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाओं ने आचार्यश्री के सुमधुर वाणी में प्रस्तुत भजनों पर भावविभोर होकर नृत्य किया। इस अवसर पर अमित भारद्वाज, मोहित भारद्वाज एवं दुर्गा प्रसाद ने यजमान से श्री मद् भागवत पुराण की मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करवाई।

इस अवसर पर मुरारी लाल शर्मा, हरवीर सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह चौहान, हेमराज पुंडीर, अमित शर्मा, मोंटू शर्मा, परवीन भारती, रविंद राणा, कुलदीप, श्रीमती कल्पना सिंह, श्रीमती गीता देवी, हरबली, मुन्नी चौहान, मोनिका तोमर, रीता पुण्डीर, कल्पना शर्मा, ललिता, गायत्री, सोनिका गोस्वामी, रुचि राणा आदि श्रद्धालु उपस्थित थे। कथा के अंत में श्री मद् भागवत पुराण की आरती एवं प्रसाद वितरण हुआ।

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