कलयुग में सिर्फ पैसे से ही पहचान बनती है : आचार्य राधा चेतन स्वामी
भगवती कुंज में आयोजित श्री मद् भागवत कथा में वामनावतार की कथा, बलि की दानशीलता तथा अजामिल के प्रसंगों का वर्णन
मेरठ। आचार्य राधा चेतन स्वामी ने कहा कि, 'कलयुग में इतना बुरा वक्त आ गया है कि आज सबसे बड़ी पहचान धन की है, यहां तक कि उसके सामने आदमी की कीमत भी कुछ नहीं है। आज खून माटी से भी सस्ता हो गया है। '
आचार्य राधा चेतन स्वामी मेरठ के नगली ताशा बिजलीघर के पास डी ब्लॉक, डिवाइडर रोड, कंकरखेड़ा स्थित भगवती कुंज में श्रद्धालुओं को श्री मद् भागवत पुराण की कथा का रसपान करवा रहे थे। उन्होंने आज वामनावतार की कथा, राक्षसराज बलि की दानशीलता एवं अजामिल के प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि, 'सौत और साझे का व्यापार दोनों नुकसान दायक होता है।' उन्होंने अपने विचारों को सुमधुर भजनों के माध्यम से व्यक्त किया। कथावाचक के सुमधुर भजनों पर श्रद्धालु महिलाएं भावविभोर होकर देर तक झूमकर नृत्य करती रहीं।
इस अवसर पर मुरारी लाल शर्मा, हरवीर सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह चौहान, हेमराज पुंडीर, अमित शर्मा, मोंटू शर्मा, परवीन भारती, रविंद राणा, कुलदीप, श्रीमती कल्पना सिंह, श्रीमती गीता देवी, हरबली, मुन्नी चौहान, मोनिका तोमर, रीता पुण्डीर, कल्पना शर्मा, ललिता, गायत्री, सोनिका गोस्वामी, रुचि राणा आदि श्रद्धालु उपस्थित थे। कथा के अंत में श्री मद् भागवत पुराण की आरती एवं प्रसाद वितरण हुआ।