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अपने काम के प्रति इतने समर्पित रहे कि कोई कार्य मुश्किल ना लगे

एक जूते कि दुकान के मालिक को अपनी दुकान पर एक सेल्समैन की आवश्कता थी एक अच्छे सेल्समैन के चलते उसने पेपर में इस सम्बन्ध में विज्ञापन दिया जिसे पढ़कर कई प्रत्याशी आये पर उन में से कोई भी दुकान मालिक को पसंद नहीं आया क्योंकि कहीं ना कहीं वह बातचीत करते या जूते को दिखाने में अथवा रेट बताते हुए हिचकिचाहट महसूस कर रहे थे

अंत में एक प्रत्याशी बचा मालिक ने उससे भी वही सवाल किया जो वह अब तक दूसरे प्रत्याशियो से करता आया था

"क्या तुम इस जूते कि जोड़ी को 500 रुपए में बेच सकते हो"

प्रत्याशी ने कहा "सर में इसे 550 रुपए में बेच सकता हूं

अगर तुमने ऐसा कर दिखाया तो तुम्हारी नौकरी पक्की और वेतन भी अधिक कर दूंगा

जी ठीक है कह कर प्रत्याशी दुकान में ग्राहक का इन्तजार करने लगा इतने में उसे एक ग्राहक दुकान में आता नजर आया उस ग्राहक के दुकान में प्रवेश करते ही प्रत्याशी ने मुस्कुरा कर उसका स्वागत किया और बोला कहिये सर में आपकी क्या सेवा करू?ग्राहक ने कहा मुझे जूते चाहिए अच्छे से दिखाओ प्रत्याशी ने उसे कई जूते दिखाए उनके दाम भी बताये ग्राहक उनको देख रहा था प्रत्याशी उसे बिना सोचने का समय दिए जूते दिखता जा रहा था अंत में उसने दुकानदार द्वारा बताये जूते कि जोड़ी दिखाई और कहा कि ये जूते इस दुकान के सब जूतों से अच्छे और मजबूत है और उन जूतो कि प्रशंशा के पुल बांध दिए साथ ही उसने वेसे ही जूतों कि एक जोड़ी और निकाल कर उसे भी बताया और कहा बस ये दो जोड़ी ही बची है ग्राहक उन जूतों कि जोड़ी को देखने लगा फिर पुछा इनके दाम क्या है प्रत्याशी ने कहा बहुत ही सस्ते है सभी जोड़ियों को 600 रूपए में बेचा था क्योंकि अब केवल दो ही जोड़ी बची है तो इन्हे आपको 550 रूपए में दे देंगे दुकानदार ये सब देख रहा था ग्राहक बोला जूते अच्छे है पर इसके दाम बहुत अधिक है

प्रत्याशी ने कहा देखिये ये जूते बहुत ही अच्छे और मजबूत है ऐसे जूते आपको और कहीं नहीं मिलेंगे

दुकानदार प्रत्याशी कि समस्त गतिविधियां गोर से देख रहा था ग्राहक बोला आप सही कह रहे है जूते मुझे भी पसंद है परन्तु मेरे पास इतने रुपए नहीं है यह कह कर वह ग्राहक जाने लगा प्रत्याशी ने मुस्कुरा कर कहा कि साहब रुपयों कि आप क्यों चिंता करते है आप हमारे सम्मानीय ग्राहक है अगर आपको ये जूते पसंद है तो रुपए आप बाद में दे देना

ये सुनकर वह ग्राहक बोला पर ......

पर वर कुछ नहीं आपके पास अभी कितने रुपए है प्रत्याशी ने उस ग्राहक से पूछा ग्राहक ने कहा मेरे पास अभी केवल 450 रुपए ही है

कोई बात नहीं आप जूते ले जाइये और घर से रुपए लाकर दे जाइयेगा कह कर प्रत्याशी ने जूते पेक कर ग्राहक को दे दिए ग्राहक ने 450 रुपए दिए और धन्यवाद कहते हुए नये जूते ले कर चला गया प्रत्याशी ने 450 रुपए दुकानदार को दे दिए तो दुकानदार नाराज होकर कहने लगा ये तुमने क्या किया जूते 550 रुपयों में बेचने कि कह रहे थे और 450 में बेच दिए मुझे 50 रूपए का नुकसान कर दिया

आप चिंता मत कीजिए वह ग्राहक बकाया 100 रुपए जल्दी ही घर से लाकर दे जायेगा क्या तुम कब भी समझते हो वो वापस आएगा जबकि उसे पूरे सौ रुपए का फायदा हो गया है दुकानदार नाराज हो कर बोला

जी वह बिलकुल आएगा प्रत्याशी पूरे आत्म विश्वास के साथ कहा

नहीं आएगा दुकानदार ने गुस्से में आकर कहा

बिलकुल आएगा साहब क्योकि मैंने उसे दोनों जूते एक ही पांव के दिए है प्रत्याशी ने मुस्कुराते हुए कहा

पहले तो दुकानदार उस प्रत्याशी का मुंह देखता रहा फिर मुस्कुरा कर बोला तुम्हारी नौकरी पक्की भाई और वायदा अनुसार अधिक वेतन भी मिलेगा

दोस्तों कौन कहता है हम कुछ कर नहीं सकते जरूरत बस थोड़ी मेहनत और समझदारी भर की है और थोड़ी कोशिश की है तो उठिए हम अब भी बहुत कुछ कर सकते हैं...!!

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