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गृहे-गृहे संस्कृतम् योजनांतर्गत चल रहे द्वादश दिवसीय सरल संस्कृत संभाषण शिविर का हुआ समापन

गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना द्वारा संचालित द्वादश दिवसीय सरल संस्कृत संभाषण शिविर का हुआ समापन।

कौशांबी: उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संचालित सुप्रसिद्ध गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना द्वारा संचालित द्वादश दिवसीय सरल संस्कृत संभाषण शिविर का समापन जनपद के प्राथमिक विद्यालय सर्वाकाजी बलिहांवादेह मूरतगंज में हुआ। समापन सत्र की शुरूआत केंद्राध्यक्षा सोनम ने दीप प्रज्वलन से की। इस अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक का अयोजन हुआ जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक सामूहिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए। भाषाप्रशिक्षक डॉ.ज्ञानेश्वर त्रिपाठी संचालन करते हुए संस्थान की चल रही योजनाओं पर प्रकाश डाला। प्रधानाध्यापिका ने अपने वक्तव्य में कहा कि वे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे शिविरों का आयोजन सदा हमारी प्राथमिकता में रहेगा।शिक्षिका रश्मि ने बच्चों को कला गीत नृत्य के साथ संस्कृत संभाषण के प्रति जिज्ञासा की चर्चा की। शिक्षिका रोली ने संस्कृत को आध्यत्मिक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताया। मई प्रथम दिवस में ऑनलाइन हुए समापन समारोह में मार्गदर्शक रहे संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव योजनासर्वेक्षक भगवान सिंह चौहान ने प्रेरणा प्रदान की साथ में रहे योजना समन्वयक डॉ.अनिल कुमार गौतम। प्रशासनिक अधिकारियों में डॉ. दिनेश मिश्र व जगदानंद झा ने भाषा परिष्कार के विषय में बात की। समारोह में प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी और दिव्यरंजन ने उत्साह बढ़ाया।समान्विका राधा शर्मा कक्षानिरीक्षक महेंद्र मिश्र लक्ष्मीनारायण राजपूत शिव प्रताप मिश्र सत्यम मिश्र सविता मौर्या गणेशदत्त द्विवेदी ओमदत्त सहित अनेक केंद्रों के प्रशिक्षक में गणेश शामिल हुए।ऑनलाइन संचालन मोहिनी ने किया अनुभव कथन ज्ञानेश्वर त्रिपाठी व अंकित कुमार व्यक्त किए। योजना समन्वयक अनिल कुमार गौतम ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर गणेशदत्त शर्मा नीतू आचार्या खुशबू श्वेताअग्निहोत्री नीतू सिंह सहित अनेक प्रशिक्षक उपस्थित रहे।

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