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निर्मोही अखाड़े ने सोनीपत में बनाया भव्य रामलला मंदिर

सोनीपत हरियाणा।
अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर के लिए 200 वर्ष तक संघर्ष करने वाले और राम जन्मभूमि विवाद में मुख्य पक्षकार रहे निर्मोही अखाड़े ने सोनीपत जिले के खांडा गांव में रामलला का एक भव्य मंदिर बनाया है।
416 वर्ष पुराने इस मठ का जीर्णोदार कर, इसे भव्य रूप दिया गया।देशभर से पहुंचे निर्मोही अखाड़े के संतों ने 7 दिनों तक चली प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में भाग लिया और भगवान राम लला की प्रतिमा को उनके जन्मदिन रामनवमी को प्राण प्रतिष्ठित किया।
भगवान राम के बाल रूप विग्रह को सफेद मकराना संगमरमर से बनाया गया है जिसे जयपुर के मूर्तिकार श्री सत्यनारायण पांडे ने तैयार किया है । श्री सत्यनारायण पांडे उन तीन मूर्तिकारों में से एक हैं जिन्होंने अयोध्या में भी भगवान राम लला की मूर्ति तैयार की थी।
विग्रह की स्वर्ण प्रभावली में रामायण से 12 चित्र उकेरे गए हैं। जिसकी रूपरेखा निर्मोही अखाड़े की संत साध्वी कमल वैष्णव ने तैयार की।
इस अवसर पर मेरठ उत्तर प्रदेश से पधारे साहित्यकार एवं पत्रकार चरण सिंह स्वामी ने अपनी पुस्तक वैष्णव बैरागी समाज का इतिहास, सबरस (काव्य संग्रह), आग लगी है चारों ओर (नाटक संग्रह) एवं काव्य लेखन का सामान्य ज्ञान कमल साध्वी जी को भेंट की जिसकी उन्होंने बहुत प्रशंसा की। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉक्टर राज वैष्णव ने चरण सिंह स्वामी का माला पहनकर स्वागत किया।
यह वही मठ है जिसमें वीर बंदा बैरागी जी 21 फरवरी 1709 से 2 नवंबर 1709 तक यहां पर रहे थेl यह उनका प्रथम सैनिक मुख्यालय था l डॉ राज वैष्णव जी के पूर्वज महंत किशन दास जी उनके गुरु भाई थे।
सोनीपत जिले के खांडा गांव में बने है इस मठ में भगवान विष्णु के प्रतीक "वैष्णव धर्म स्तंभ" की भी स्थापना की गई है।
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के सातवें दिन भगवान के विग्रह को सात समुद्र और 27 नदियों के जल से अभिषेक कराया गया।
अयोध्या के रज और सरयू के पवित्र जल के साथ विग्रह की स्थापना की गई।
मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य डॉ राज सिंह की देखरेख में हुआ।
निर्मोही अखाड़े की कुंभ मेले में अध्यक्षता करने वाले वृंदावन के संत श्री मदन मोहन जी और निर्मोही अखाड़े के प्रबंधमंडल के सदस्य ग्वालियर के संत श्री राम सेवक दास जी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता की।

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