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आसन नदी में हो रहा दिन के उजाले में जेसीबी मशीन लगाकर अवैध खनन, सरकार को पहुंचाया जा रहा है लाखों रुपए का रोजाना नुकसान

विकासनगर तहसील क्षेत्र के सभा वाला की आसन नदी में दिन के उजाले में ही बेखौफ खनन माफियाओं की जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉलीयां पुलिस की नाक के नीचे अवैध खनन का कार्य खुलेआम कर रही हैं।

आपको बता दे की वैसे तो उत्तराखंड की नदियों में जेसीबी मशीन और पोकलैंड मशीनों से अवैध खनन के कार्य पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ है बावजूद इसके सहसपुर थाना क्षेत्र में खनन माफिया बेखौफ होकर जेसीबी मशीन की मदद से आसन नदी में अवैध खनन का कार्य खुलेआम दिन की उजाले में प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए कर रहे हैं आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि सभावाला पुलिस चौकी से महज 200 या 300 मीटर की दूरी पर आसननदी में खनन माफियाओं की जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्राली या दिन के उजाले में ही अवैध खनन का कार्य करते हैं जब इसकी सूचना मीडिया को मिली तो मौके पर पहुंची मीडिया टीम ने देखा कि जेसीबी मशीन खुलेआम आसन नदी में बेतरतीब तरीके से अवैध खनन का कार्य कर रही थी और अवैध खनन में लिप्त ट्रैक्टर ट्रालीयो में नदी से खनिज सामग्री भरने का काम किया जा रहा था मीडिया की टीम को देखते ही ट्रैक्टर ट्रोलिया इधर-उधर भागने लगे जबकि जेसीबी मशीन को वही रोक कर खडा कर दिया गया और वहां मौजूद अवैध खनन का कार्य कर रहे लोगों के द्वारा बताया गया कि यह काम किसी सुरेश रावत नाम के ठेकेदार के द्वारा कराया जा रहा है। जब इसकी सूचना सभावाला पुलिस चौकी प्रभारी को मोबाइल फोन के माध्यम से दी गई तो उनके द्वारा बताया गया कि अवैध खनन का काम अब पुलिस के कार्य क्षेत्र से बाहर हो गया है पुलिस अब अवैध खनन पर कोई कार्यवाही नहीं कर सकती है। लेकिन गजब का इत्तेफाक देखिए पुलिस चौकी प्रभारी को मीडिया टीम के द्वारा जानकारी देने के चंद मिनटों बाद अवैध खनन कर रही जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली नदी से बाहर निकाल कर निर्माणधीन NH पर ले जाकर खड़े कर दी।

अब सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन और खनन विभाग नदियों में अवैध रूप से खनन करने पर जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉलीयों पर कार्यवाही क्यों नहीं कर सकता है जबकि माननीय उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के द्वारा सख्ती से रोक लगाई हुई है।

क्या पुलिस प्रशासन अब इतना लाचार हो चुका है कि खुलेआम अवैध खनन करती जेसीबी मशीन और इन ट्रैक्टर ट्रॉलीयों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी कार्रवाई नहीं कर सकता है या फिर मामला कुछ और है आखिर कौन है यह तथा कथित सुरेश रावत नाम का ठेकेदार जिसका प्रशासन में इतना खौफ है।

आखिर खनन माफियाओं में इतनी हिम्मत कहां से आ गई है कि खनन माफिया अब दिन के उजाले में ही नदियों में अवैध खनन करने के लिए जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली उतार रहें हैं वह भी पुलिस चौकी से महज 200 या 300 मी की दूरी पर। क्या इन खनन माफिया को किसी प्रशासनिक अधिकारी या फिर किसी सफेद पोश का संरक्षण प्राप्त है।

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