क्या अब सच्चे पत्रकार नहीं रहे ? जब तक जुर्म की आंधी आऐगी ऐक सच्चे पत्रकार के कलम से उस आंधी को मिटाने ऐक तुफान जरूर आएगा। उस दोगले धोखेबाज़ मक्कार भष्टाचारी को ऐक पत्रकार ही अपनी कलम से नंगा कर सकते हैं।
इस देशका चोथा स्थल है पत्रकारिता, पर कुछ चुनिंदा पत्रकार चापलूसी के चक्कर में उस पवित्र कार्य को बदनाम कर रहे हैं, पर हम ऐ होने नहीं देंगे। उन चाटुकारो को उनकी औकात पे लाने की जिम्मेदारी ऐक सच्चे पत्रकार की होती है। और उस कार्य को हम बखूबी निभाऐगे,