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महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने भा.महिला शक्ति फाउंडेशन की पहल, कोरबा जिले में पहला माहवारी संरक्षण केंद्र का हुआ उद्घाटन
महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने भा.महिला शक्ति फाउंडेशन की पहल, कोरबा जिले में पहला माहवारी संरक्षण केंद्र का हुआ उद्घाटन, महिलाओ को बताया आर्थिक रूप से सशक्त होने का मंत्र।
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कोरबा: छत्तीसगढ़ में संचालित भारती महिला शक्ति फाउंडेशन ने छत्तीसगढ़ की महिलाओ को सशक्त करने की एक अच्छी पहल की है ,इस फाउंडेशन के दवार महिलाओ को आर्थिक रूप सशक्त करने और माहवारी की समस्याओ से जागरूक करने के उद्देश्य से माहवारी संरक्षण केंद्र खोला जा रहा है जिसमे महिलाओ को सेनेटरी पेड़ बनाने से लेकर उसकी उपयोगिता की जानकारी दी जा रही है साथ महिलाओ को रोजगार के जरिये आर्थिक सक्षम बनाने के उद्देश्य से फुल झाड़ू बनाने,मोप पोछा बनाने,टेडी बियर बनाने का उद्योग के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें आत्म निर्भर बनाने का प्रयास फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। इसी तारतम्य में आज भारती महिला फाउंडेशन द्वारा कोरबा जिले में पहला माहवारी संरक्षण केंद्र वार्ड क्रमांक 45,46 ग्राम स्याहीमुड़ी में खोला गया , जिसके उद्घाटन में फाउंडेशन के संस्थापक श्री शैलेन्द्र रजक , सह संस्थापक पुर्नेंद्रू देवगन और कुछ कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे, कोरबा जिले का पहला माहवारी संरक्षण केंद्र श्रीमती प्रियंका प्रमोद मिश्र और उनके सहयोगियों द्वारा खोला गया ,जिसमे महिलाओ को और स्कूली किशोरी बालिकाओ को माहवारी उसकी समस्याओ के बारे में जानकारी दी जाएगी ,साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनांते हुए रोजगार भी मिलेगा। भारती महिला फाउंडेशन के तत्वाधान में श्रीमती प्रियंका प्रमोद मिश्र द्वारा खोले गये माहवारी संरक्षण केंद्र के उद्घाटन में और खुद को आत्मनिर्भर बनाने का गुर सिखने आसपास की सैकड़ो महिलाये पहुंची साथ ही विशेष रूप से हाई स्कूल की शिक्षीकाओ के साथ स्कूली छात्राए भी पहुची , माहवारी संरक्षण केंद्र के उद्घाटन समारोह भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन के संस्थापक श्री शैलेन्द्र रजक ,श्री पुर्नेंद्र देवगन, श्री बाल कृषण नेताम ,श्री एस के जायसवाल, श्री फिरत साहू , श्रीमती शशि नेताम, श्रीमती प्रभा गुप्ता, श्रीमती प्रभा साव, श्रीमती यामिनी मल्लेवार की उपस्थिति में फीता काटकर केंद्र की शुरुवात किया गया। इस दौरान भारती महिला फाउंडेशन के संस्थापक शैलेन्द्र रजक ने महिलाओ और स्कूली छात्राओ को माहवारी के बारे में जानकारी दी और सेनेटरी पेड़ की उपयोगिता के बारे में बताया, और माहवारी के दौरान उनकी समस्याओ की जानकारी दी ,साथ ही घरेलु महिलाओ को आर्थिक रूप से सक्षम बनने और रोजगार के बारे में जानकारी भी दी उन्होंने फाउंडेशन के द्वारा किस प्रकार के उद्योगों के द्वारा महिलाओ को रोजगार और आर्थिक लाभ मिलेगा और कैसे वे आत्म निर्भर बन सकेंगी इसकी जानकारी दी ,उन्होंने फाउंडेशनद्वारा झाड़ू बनाने का तरीका भी सिखाया और कुछ महिलाओ से झाड़ू बनवाकर भी दिखाया , इस दौरान उन्होंने फाउंडेशन द्वारा वर्तमान में टेडी बियर ,झाड़ू पोछा मोप बनाने की जानकारी दी और बताया की इनके निर्माण के लिए सामग्री भी फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है और तैयार सामग्री को फाउंडेशन स्वयं लेकर बाजार में बिक्री करता है , जिससे महिलाओ को सामान लेने और बेचने की समस्या नहीं होती और वे आर्थिक रूप से कमाई कर सकती है, उपस्थित महिलाओ द्वारा उनके इस पहल को काफी सराहा गया। फाउंडेशन के संस्थापक शैलेन्द्र रजक ने मिडिया से रूबरू होते हुए बताया की हमारी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन महिलाओं को लेकर के मां बेटी बहन को लेकर बनाया गया है इसकी शुरुवात २७ जून २०१८ में हुई थी यह छत्तीसगढ़ से संचालित होकर के लगभग 18 राज्यों में काम कर रही है और अब तक लगभग 2 करोड़ 63 लाख महिलाओं तक पहुंच बना चुकी है, छत्तीसगढ़ में भारती महिला शक्ति फाउंडेशन के तत्वाधान में महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने एवं महिला सशक्तिकरण को लेकर कई प्रकार के उद्योगों की जानकारी दी जा रही है इसी तारतम्य में भारती महिला शक्ति फाउंडेशन द्वारा कोरबा जिले में पहला माहवारी संरक्षण केंद्र का उद्घाटन वार्ड क्रमांक 45/46 स्याही मुड़ी में किया गया ,अब तक देश के कई राज्यों में और छत्तीसगढ़ के कई जिलो महावारी संरक्षण केंद्र खोला जा चुका है जिसमें कोरबा जिले में यह पहला माहवारी संरक्षण केंद्र खोला गया है।
उन्होंने बताया महावारी संरक्षण केंद्र का मतलब पीरियड केयर सेंटर हमारे संस्था द्वारा 7 वर्षों से चलाई जा रही है इस के साथ महिलाओ को माहवारी की समस्याओ की जानकारी देने हर ग्राम पंचायत में हर छोटे-छोटे गांव में हम केंद्र खोल रहे हैं ताकि माता बहनों को उनको आसानी से वह सस्ता व सबसे अच्छा सैनिटरी पेड मिल सके कई गांव में आसानी से सेनेटरी पे डनहीं मिल पाता है व कई ऐसी बीमारियां होती है जिससे वंचित रहती है उसको दिखा करके प्राचीन काल की स्थिति थी और आज वर्तमान की जो स्थिति है उसको बताकर महिलाओं को जागरुक कर व उनका सबसे अच्छा नैपकिन के विषय में बताया जाता है और बेहतर तरीके से लागू करने की कोशिश करते हैं आज हम टेलीविजन में या नेट के माध्यम से देख रहे हैं हमारे समाज में हमारे क्षेत्र में आसपास में जो कैंसर से जो पीड़ित हो रही है उसकी जानकारी देते हुए सभी को जागरूक करके उनको और बेहतर तरीके से लागू करने की कोशिश करते हैं का। सेनेटरी पेड़ हमारी संस्था द्वारा ही पैकेजिंग किया जाता है हर जगह मशीन नहीं लगा सकते हैं हमारी संस्था द्वारा उनको सेनेटरी दिया जाता है उसके साथ उस क्षेत्र में उनको एक छोटा सा रोजगार दिया जाता है यह केवल एक माहवारी क्षेत्र माता बहनों को जोड़ने का हमारा एक जरिया है ताकि उन्हें छोटे-छोटे रोजगार से जोड़कर के उनको आने वाले समय पर एक बेहतर तरीके से आर्थिक रूप से मजबूत कर सके यह हमारी एक परियोजना के तहत महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाए उद्योग केंद्र बहुत ज्यादा संख्या में हो चुके हैं और अच्छी तरह संचालित हो रहे है इस संस्था के जरिये हम माता बहनों को ऐसी इंडस्ट्री क्रिएट करवाना और उनको आप निर्भर बनवाना उनका आर्थिक रूप से मदद करने की कोशिश करना ताकि वह बेरोजगारी की समस्या दूर करने और सुरक्षित, स्वस्थ और विभिन्न बीमारियों से जागरूक करवाने के उद्देश्य से फाउंडेशन का शुरूआत किया गया था