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सिंहभूम चैम्बर में जीएसटी अधिनियमों पर कोलकाता से आये सीए एवं अधिवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने दी विस्तृत जानकारी

jamshedpur: सिंहभूम चैम्बर में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के विभिन्न अधिनियमों परएक परिचर्चा का आयोजन चैम्बर भवन में किया गया। जिसपर कोलकाता से आये मुख्य वक्ता अनुभवी चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं अधिवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने उपस्थित व्यवसायी एवं उद्यमियों को विस्तृत जानकारी दी। यह जानकारी मानद महासचिव मानव केडिया ने दी।

कार्यक्रम की शुरूआत मानद महासचिव ने उपस्थित अतिथि एवं सदस्यों के स्वागत भाषण से हुई तथा मंच संचालन सचिव, वित्त एवं कराधान अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने मंच संचालन करते हुये कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

उपाध्यक्ष, वित्त एवं कराधान अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने इस अवसर विषय प्रवेश करते हुये कहा कि उद्यमियों एवं व्यवसायियों के लिये जीएसटी के विभिन्न अधिनियमों की जानकारी होना अतिआवश्यक है जिससे उन्हें समस्याओं का सामना न करना पड़े तथा गलती पर सजा के प्रावधानों से बचकर इसका लाभ उठा सके।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कोलकाता से आये चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं अधिवक्ता अभिषेक अग्रवाल ने निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा करते हुये विस्तृत रूप में जानकारी दी। 1) जीएसटी के अधिनियमों के अंतर्गत सभी प्रकार के नोटिसों का अनुपालन करते हुये इनकी बारीकियों का समझकर इसपर जवाब दिया जाना चाहिए।
2) उन्होंने बताया कि धारा 16(4) के तहत जो मामले लंबे समय से लंबित है। उसपर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा धारा 16(4) मंे अनुकूल निर्णय की काफी संभावना है।
3) व्यापार करते समय ई-वे बिल का महत्व बहुत ज्यादा होता है इसलिये इसका सही तरीके से अनुपालन किया जाना चाहिए।
4) रियल स्टेट के क्षेत्र में जीएसटी की महत्ता को भी उन्होंने विस्तृत रूप में सदस्यों के समक्ष रखा।
5) उन्होंने कहा कि जीएसटी के छापेमारी के दौरान निरीक्षण, तलाशी और जब्ती के लिये आईएनएस-01 संयुक्त् आयुक्त स्तर से नीचे के उचित अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया जाना चाहिए।
6) जब्त किये गये दस्तावेजों/सामानों/चीजों की सूची वाला एक पंचनामा करदाता को उपलब्ध कराया जाना चाहिए और करदाता को भी इसे अवश्य अधिकारियों से लेना चाहिए।
7) धारा 67 (निरीक्षण, खोज और जब्ती) के तहत कार्यवाही धारा 65 (विभागीय लेखा परीक्षा) के तहत बहुत अलग है।
8) धारा 65 के तहत कार्यवाही निम्नलिखित की सत्यता को सत्यापित करने तक सीमित है-
क) टर्नओवर घोषित
ख) कर का भुगतान किया गया
ग) रिफंड का दावा किया गया
घ) आईटीसी का दावा किया गया

इस अवसर उपस्थित सदस्यों ने भी चर्चा के दौरान मुख्य वक्ता से अपनी समस्याओं के संबंध में सवाल किया जिसका उत्तर मुख्य वक्ता ने दी।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अनिल मोदी, सचिव विनोद शर्मा, पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया, मनीष गोयल, पीयूष गोयल के अलावा काफी संख्या में चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं अधिवक्तागण तथा व्यवसायीगण उपस्थित थे।

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