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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम पखवारा 16 से
सहरसा (बिहार)। जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम एवं सघन दस्त नियंत्रण पखवारा 16 से 29 सितंबर तक चलेगा। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने बताया कि डायरिया से होने वाली शिशु मृत्यु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से पूरे जिले भर में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
इसके अलावा यह भी बताया कि इस पखवाडे के दौरान जागरूकता के साथ-साथ डायरिया के केस का उपचार, ओआरएस वितरण, साथ ही ओआऱएस बनाने का तरीका और साफ- सफाई के संबंध मे जागरूकता लाना इस पखवाड़े अभिन्न अंग है। साथ ही बताया कि अभियान से जुड़ी सभी आवश्यक दवाइयां एवं सामग्री सभी स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध करवा दिया गया है।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने कहा कि इसके लिए आशा आपने क्षेत्रों के सभी पांच वर्ष के छोटे बच्चों के अभिभावकों को डायरिया की रोकथाम की जानकारी घर-घर जाकर देंगी। साथ ही अभियान के दौरान आशा के द्वारा अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाक कृमि की भी दवा दी जाऐगी, जिसमें एल्बेंडाजोल की गोली 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर- किशोरियों को खिलाएंगीं।
क्या होता है दस्त
डॉ. कुमार विवेकानंद बताते हैं कि लगातार पतले मल और उल्टी होना दस्त या डायरिया कहलाता है। डायरिया वायरल व बैक्टीरियल संक्रमण के कारण तो होता ही है परंतु सबसे सामान्य कारण है प्रदूषित पानी, खान-पान मेँ गड़बड़ी और आंत मे संक्रमण डायरिया से शरीर मे पानी की कमी हो जाती है जिसे डीहाईड्रेशन कहते हैं। इससे शरीर मेँ कमजोरी आ जाती है और अगर समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है।
डायरिया के लक्षण
डॉ. कुमार विवेकानंद बताते हैं कि अगर किसी बच्चे में ऐसा लक्षण दिखाई दे जैसा कि लगातार मल का होना, बार-बार उल्टी होना, अत्यधिक प्यास का लगना, पानी न पी पाना, बुखार हो, मल में खून आ रहा हो साथ ही अगर किसी बच्चे में दिखाई दें तो उसे तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना चाहिए ।