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दारूल उलूम देवबंद के फतवे में गजवा-ए-हिंद को जायज ठहराया देस में मचा घमासान।

दारुल उलूम देवबंद एक बार फिर से सुर्खियों में है उसने अपने पत्र में कहा है कि विदेशियों को भारत पर आक्रमण करके इस्लामी राष्ट्र बना देना चाहिए और इसमें देश के मुसलमान को सहयोग करना चाहिए यदि इसमें किसी की शहादत होगी तो वह जन्नती होगा और शहीद कहां जाएगा।
दारुल उलूम की इस कृतिका राष्ट्रवादी विचारधारा खेलो कड़िया आलोचना कर रहे हैं। इस्लामिक स्कॉलर भी दारुल उलूम से सहमत नहीं है,
एक टीवी चैनल को बताते हुए एडवोकेट अशोक उपाध्याय जी ने बताया कि दारुल उलूम विदेश से आए हुए एक परिवार पता चलाया जाता है विदेश से नाता जोड़ता है।
अब एक नई बहस छिड़ गई की विदेशी मुशलामान हमरे देश नौजवान मुस्लिमों को गुमराही के ओर ले जा रहें हैं।

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