बागोरा में जर्जर भवन में संचालित हो रही आंगनवाड़ी, भगवान भरोसे मासूमों की जिंदगी।
जर्जर भवन में संचालित हो रही आंगनवाड़ी, भगवान भरोसे मासूमों की जिंदगी।खंडार( राजू माली रिपोर्टर)ग्राम पंचायत कुरेडी के गांव बागोरा में आंगनबाड़ी की बिल्डिंग नहीं होने से आंगनबाड़ी क्षतिग्रस्त कच्चे घर में चल रही है जिससे हादसे का अंदेशा बना रहता है ग्रामीण अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजने से डर रहे हैं। कई बार ग्रामीणों द्वारा शासन प्रशासन स्तर पर नये आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए शिकायत एवं आवेदन दिए जा चुके परंतु जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दिया पंचायतों में लाखों रुपए की राशि विकास कार्य के लिए शासन द्वारा दी जा रही है परंतु उसके बाद भी विकास कार्य नहीं हो पा रहे। और अभी तक बागोरा आंगनबाड़ी भवन का निर्माण नहीं हो सका।*जर्जर भवन में लग रही है आंगनवाड़ी*खंडार तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कुरेडी के वार्ड नंबर 9 में आंगनवाड़ी केंद्र ना होने के कारण वहां के ग्रामीण जनों को अपने बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र भेजने में असुविधा हो रही है, तो वही अपने बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र भेजने में उनको डर लगने लगा है जिसमें आंगनवाड़ी चलाई जाए और बच्चों को बैठकर पढ़ाया व उन्हें भोजन वितरित किया जा सके। जर्जर भवन में आंगनवाड़ी केंद्र लगाए जा रहा हैं। वही उसी भवन में छोटे-छोटे बच्चों को बैठाकर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है बागोरा आंगनवाड़ी जिस भवन में लग रही है वह प्रभु पुत्र हीरालाल माली के कच्चे घर में जिसकी छत जगह मिट्टी बने कुल्लू से बना रखी है ऐसे में कभी भी बच्चों के साथ हादसा हो सकता है इस कारण से माता-पिता अपने बच्चों को आंगनबाड़ी नहीं भेज रहे हैं *आंगनबाड़ी केंद्र को बन्द पड़ा हुआ देखा जा रहा है केवल कागजों में संचालित है* एक मात्र आंगनबाड़ी केन्द्र कुरेडी 30 से 40 जर्जर हालत भवन पर आते है बच्चेगौरतलब है कि एक तरफ सरकार है ग्रामीण बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए कुपोषण मुक्त अभियान चला रहे हैं जिसके अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में उन्हें पोषक आहार वितरण किया जा रहा है जिसे छोटे-छोटे बच्चों को देकर उन्हें कुपोषण मुक्त किया जा सके। परंतु लगभग 3000 से ज्यादा आबादी वाले इस ग्राम पंचायत में उन बच्चों को बैठने के लिए एक भवन भी नहीं है पंचायत में लाखों करोड़ों आने के बाद भी पैसे को विकास कार्यों में लगाने के बाद भी आज तक नैनीहालो को बैठने के लिए एक आंगनवाड़ी केंद्र भवन का निर्माण नहीं हो सका। पंचायत में तीन अस्थाई आंगनबाड़ी केंद्र हैं तीनों ही भवन विहीन है आंगनबाड़ी केंद्र कुरेडी बच्चों कि नामांकन 200 से 250 है जो पुर्ण क्षतिग्रस्त भवन में संचालित कर रखी है दो आंगनवाड़ी केंद्र कच्चे मकानों की आड़ में चल रही है आंगनबाड़ी केंद्र बागोरा में नामांकन लगभग 108 से 120 है कच्चे आवासीय पर में बड़ी बड़ी तरारे हादसे को न्योता दे रही है दुसरी आंगनबाड़ी केंद्र खिदरपुर जाटान में नामांकन 150 से 200के करीब है *पंचायत में लगभग 800 अधिक बच्चों कि सांस राम भरोसे से क्षतिग्रस्त भवन में चली रहीं है।* ऐसे में बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जा पाते हैं और जो प्राथमिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैंजर्जर भवन के कच्चा आवासीय में संचालित करना पडा रहापहले पुराने भवन में आंगनबाड़ी लगती थी परंतु वह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण कच्चा आवासीय घर में आंगनवाड़ी चला रहे हैं। राजू माली वार्ड पंच ने कई बार ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच और महिला बाल विकास के अधिकारी को इस बारे में सूचित भी किया,लेकिन अभी तक किसी ने इस और ध्यान नही दिया ना ही कोई जवाब दिया।