*कानपुर का करोड़पति कॉन्स्टेबल...डेढ़ करोड़ की कोठी:*
*घर के बाहर ऑडी-BMW और फॉर्च्यूनर कारें,*
*सबके नंबर 0078;*
*पिंटू सेंगर मर्डर में जेल गया*
कानपुर में पुलिस कॉन्स्टेबल का दागदार चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
एंटी करप्शन विंग ने करोड़पति कॉन्स्टेबल को ट्रेस किया।
जब अफसर उसकी कोठी पहुंचे, तो कंपाउंड में ऑडी, BMW और फॉर्च्यूनर जैसी कारें मिली हैं।
एंटी करप्शन की टीम ने उसकी कोठी की कीमत 1.5 करोड़ आंकी है।
हालांकि सर्किल रेट 5 करोड़ बताया जा रहा।घर के अंदर स्वीमिंग पूल समेत सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
*कॉन्स्टेबल की सब गाड़ियों के नंबर 0078*
दरअसल, एंटी करप्शन विंग के पास बर्खास्त कॉन्स्टेबल *सुशील मिश्रा* की शिकायत पहुंची थी।
छानबीन में सामने आया कि कॉन्स्टेबल के पास श्यामनगर में आलीशान बंगला, लग्जरी गाड़ियां, घर के अंदर लग्जरी सुविधाएं मौजूद थीं।
उसकी हर गाड़ी के आखिरी 4 अंक 0078 हैं।
टीम से उसके पड़ोसियों ने बताया कि जब भी कोई नई गाड़ी लॉन्च होती तो सबसे पहले कॉन्स्टेबल के काफिले में शामिल होती थी।
*• अब आपको बताते हैं आखिर जांच में क्या सामने आया...*
*कमाए 5 करोड़, संपत्ति मिली 8 करोड़ की*
एंटी करप्शन विंग की कानपुर यूनिट के इंस्पेक्टर *चतुर सिंह* ने चकेरी थाने में कॉन्स्टेबल *श्याम सुशील मिश्रा* के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज कराई।
उन्होंने बताया, श्याम नगर डी-ब्लॉक में रहने वाला कॉन्स्टेबल *मिर्जापुर थाना कछवा के भैंसा गांव* का मूल निवासी है।
*रमाकांत पांडेय* नाम के व्यक्ति ने उसके खिलाफ 2019 में आय से अधिक संपत्ति की शिकायत लखनऊ में की थी।
इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने करीब 4 साल तक मामले की जांच की।
जिसमें पाया कि उसने ज्ञात सोर्स से 5 करोड़ 10 लाख रुपए कमाए।
लेकिन जांच के दौरान कॉन्स्टेबल के पास 8.21 करोड़ रुपए का खर्च सामने आया।
यानी कि 3 करोड़ 11 लाख रुपए की आय से अधिक की संपत्ति कॉन्स्टेबल के पास सामने आई है।
जोकि उनकी आय से 60% से ज्यादा थी।
*सिर्फ बंगले की कीमत 5 करोड़ से ज्यादा*
एंटी करप्शन के अफसरों ने अपनी रिपोर्ट में कॉन्स्टेबल के बंगले की कीमत महज 1.5 करोड रुपए आंकी है।
लेकिन ग्राउंड रियलिटी में सामने आया कि श्याम नगर डी-ब्लॉक के जिस मोहल्ले में कांस्टेबल का मकान है,
सिर्फ उस जमीन की कीमत दो-ढाई करोड़ से ज्यादा है।
बंगले की कीमत 5 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि कई करोड़ की तो उसके पास बेनामी संपत्तियां हैं।
जिसका कोई लेखा-जोखा अफसरों के पास नहीं है।
*पिंटू सेंगर मर्डर में जेल गया था बर्खास्त कॉन्स्टेबल*
कानपुर चकेरी में रहने वाले बसपा नेता पिंटू सेंगर की 20 जून 2020 की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या
कर दी गई थी।
जमीन के विवाद में भू-माफिया *पप्पू स्मार्ट, सउद अख्तर* समेत अन्य के साथ मिलकर पिंटू सेंगर की हत्या करा दी थी।
जघन्य हत्याकांड के बाद कॉन्स्टेबल सुशील मिश्रा का एक ऑडियो सामने आया था।
जिसमें सुशील बोल रहा था कि पिंटू सेंगर का मर्डर होने वाला है।
इससे जितनी भी रकम बकाया हो ले लेना। इसके बाद जांच शुरू हुई तब सामने आया कि कॉन्स्टेबल भी मर्डर केस में शामिल था।
इसके बाद उसे अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया था।उस समय वह *उन्नाव* में तैनात था।
उसे बर्खास्त भी कर दिया गया।अब वह जेल से जमानत पर बाहर है।
*भू-माफियाओं के साथ पार्टनरशिप कर बना करोड़पति*
श्याम सुशील मिश्रा ने भू-माफिया पप्पू स्मार्ट, सउद अख्तर समेत अन्य के साथ साठगांठ करके प्रॉपर्टी का काम शुरू किया था।
प्रॉपर्टी का काम उसे इस कदर रास आया कि नौकरी को ताक पर रखकर प्रॉपर्टी के धंधे में कूद गया।
कानपुर से लेकर उन्नाव और लखनऊ में कई सोसायटी बनाकर बसाई।
बड़े-बड़े बिल्डरों का पार्टनर बन गया। भले ही कहने को वह कॉन्स्टेबल था।
कांस्टेबल की तनख्वाह से कई गुना ज्यादा तो वो सिर्फ अपने नौकरों को सैलरी देता था।