
चोरी के कोयले से पक रहे ईट के भट्ठे
धनपुरी थाना अंतर्गत थाने से ही 500 मीटर की दूरी पर नरगडा नाले के इर्द गिर्द बड़े पैमाने पर भट्ठे व्यापारियों के द्वारा कई सालो से भट्ठे लगाए जाते है वही बंगवार रोड इस्थित कबिरस्थान के पीछे भी कई सालो से भट्ठे व्यापारियों के द्वारा भट्ठे लगाए जाते है परंतु भट्ठे पकाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयले की जरूरत होती है वह कोयला कहा आता है सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई खैरह़ा व दामनी इस्थित खदानों से जो कोयला भर कर गाड़िया निकलती है उन गाड़ी चालको से सेटिंग बना कर उतारा जाता है कोयला और वही तीन से चार किलो मीटर की दूरी पर बांगवार माइंस है वही कोयला चोरों के ग्रुप के द्वारा चोरी का कोयला निकाल कर सारे भट्टो में चोरी का कोयला सप्लाई किया जाता है
*कुछ व्यापारियों का फॉरेस्ट की भूमि पर भी है कब्जा*
सूत्रों से यह भी मालुम पडा है की कुछ भट्ठे व्यापारियो का फॉरेस्ट की भूमि पर भी है कब्जा कबिरस्थान के इर्द गिर्द भूमि की जांच कराई जाए तो कुछ भट्ठे व्यापारियों की भूमि फॉरेस्ट के अंतर्गत आने वाली भूमि में निकल जायेगी ईट बनाने वाले मजदूर व आदिवासियो को अंगे कर मकान तक बना लिया गया है
और फॉरेस्ट की भूमि को अपनी भूमि बता रहे है
*दिखावे की होती है कार्यवाही*
कई बार पूर्व में फॉरेस्ट व पुलिस प्रशासन के द्वारा कार्यवाही की गई परंतु कारवाही अखबारों के पन्नो पर वाह वाही बटोरने के लिए की गई जिससे की ईट के व्यापारीयो के हौसले इतने बुलंद है की इन्हे न ही शासन का डर है न ही प्रशासन का किसी भी प्रकार कोई भय धड़ले से चोरी के कोयले से ईट पका कर मार्केट में खरीददारों को बेच कर अच्छी खासी मोटी रकम वसूली जाती हैं