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झारखंड के बेरमो जरीडीह बाजार मेंं हजरत बाबा पत्थर शाह का सालाना उर्स श्रद्धा और अकीदत के साथ मना।

हजरत बाबा पत्थर शाह के सालाना उर्स के मौके पर आज शनिवार को जरीडीह बाजार स्थित बाबा पत्थर शाह के मजार पर जियारत व चादरपोशी के लिए हजारों अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा। शाम को सबसे पहले कमेटी की सरकारी चादर चढ़ाया गया। इसके बाद आम लोगों का चादर चढ़ाने का सिलसिला देर रात्रि तक चलता रहा। जियारत व चादरपोशी करने के लिए बेरमो कोयलांचल के जरीडीह बाजार सहित फुसरो,करगली, तुपकडीह,नावाडीह,कुरपनिया, संडे बाजार,जारंगडीह, कथारा, आसना पानी, बरवाबेडा,खेतको, चलकारी के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, घाटो, केदला, धनबाद, गिरीडीह, कोडरमा, चतरा सहित कई शहरों व गांवों से बाबा के अकीदतमंद पहुंचे थे। इस दौरान शाम होते ही बाबा के अकीदतमंदों से पूरा जरीडीह बाजार पट गया। इस अवसर पर लगाए गए लाउडस्पीकर से कव्वाली व नातिया कलाम कि सदाएं गूंज रही थी । मजार को आकर्षण लाइटों से सजाया गया था। मजार पहुंचने वालों ने नजराने अकीदत पेशकर चादर चढ़ाई और फातिहा पढ़ा। उर्स में हिन्दू, मुसलमान सहित सभी राजनीतिक दलों के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने एक साथ श्रद्धापूर्वक बाबा के दरबार में हाजिरी देकर अपनी अपनी मन्नतें मांगी। देर रात्रि तक काफी संख्या में महिला ,पुरुषों एवं राजनीतिक दलों के लोगों का आना जारी था।
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मजार कमेटी की ओर से सरकारी चादर पूरे जरीडीह बाजार में बाजे गाजे के साथ घुमाया गया,इस दौरान आस्था से जुड़े लोगों ने चादर में पैसे डाले।
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मजार के बाहर भव्य पंडाल और स्टेज बनाया गया है जहां आने वाले अकीदतमंद और अतिथियों का स्वागत मजार कमेटी के लोग कर रहे हैं
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मजार के बाहर शीरनी, अगरबत्ती , टोपी, चादर ,मजहबी किताबें, स्टॉल ,नकाब चूडी,खिलौने सहित कई आकर्षक सामानों की दुकानें लगी हुई थी यहां भारी संख्या में लोग खरीदते देखे गए
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गांधीनगर पुलिस प्रशासन और मजार कमेटी के वॉलिंटियर्स शांति व्यवस्था बहाल रखने के लिए पूरी तरह मुस्तैद दिखे। मजार कमेटी के सभी सदस्य उर्स को कामयाब बनाने के लिए सक्रिय रहे।देर रात्रि जलसा और नातिया मुशायरे का भी आयोजन किया गया, दूर दराज से आये उलमा ए कराम ने अपने तकरीर मेंं एक बनने और नेक बनने सहित दीन के रास्ते पर चलने. की बात कही, वहीं नातिया कलाम के शायरों नें अपने कलाम के जरिए लोंगों को रात भर बांधे रखा। उर्स को सफल बनाने में कमेटी के सदस्यों का अहम भूमिका रही

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