
शिक्षा के संकट का समाधन
शिक्षकों की कमी को पूरा करें
वर्तमान रुझानों पर कुछ देश 2030 तक अपने प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाएंगे। शिक्षा के अन्य स्तरों पर यह चुनौती और भी व्यापक है। इसलिए, देशों को ऐसी नीतियों को अपनाना होगा जिनसे इस व्यापक कमी को पूरा किया जा सके।
बेहतरीन उम्मीदवारों को आकर्षित करें
सभी बच्चों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें कम से कम अच्छी माध्यमिक स्तर की योग्यता रखने वाले शिक्षक पढ़ाएं । इसलिए, सरकारों को अच्छे शिक्षक उम्मीदवारों के दायरे कोबढ़ाकर उत्तर माध्यमिक शिक्षा की उपलब्धता में सुधार करने के लिए निवेश करना चाहिए। यह सुधार विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा यदि बेहतर शिक्षित महिला अध्यापकों के पूल को उपेक्षित क्षेत्रों में बढ़ाया जाए। कुछ देशों में इसका अर्थ है कि शिक्षण में और अधिक महिलाओं को आकर्षित करने के लिए सकारात्मक उपाय लागू करने होंगे।
नीति निर्माताओं को अपना ध्यान अल्प-प्रतिनिधित्व वाले समूहों से लेने पर ध्यान देने और शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की भी आवश्यकता है, जैसे सजातीय अल्पसंखयक, जो अपने समुदायोंमें सेवा कर सकें। ऐसे शिक्षक सांस्कृतिक संदर्भ और स्थानीय भाषा से परिचित होते हैं और उपेक्षित बच्चों के शिक्षा अवसरों में सुधार कर सकते हैं।
सभी बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना
सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे सभी बच्चों की शिक्षण आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। शिक्षकों को कक्षाओं में जाने से पहले उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले सेवा-पूर्व शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए जो पढ़ाए जाने वाले विषयों के ज्ञान तथा शिक्षण पद्धतियों के बीच ज्ञान के बीच संतुलन पैदा कर सकें। सेवा-पूर्व शिक्षक शिक्षा के अंतर्गत पर्याप्त कक्षा शिक्षण अनुभव को प्रशिक्षण का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाना चाहिए ताकि वे योग्य शिक्षक बन सकें। इसे शिक्षकों को व्यावहारिक कौशल प्रयास करना चाहिए ताकि बच्चों को पढ़ना सिखाया जा सके और वे बुनियादी गणित को समझ सकें। सजातीय रूप में विविध समाजों को एक से अधिक भाषा में पढ़ना सिखाना चाहिए। शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों को भी ऐसा शिक्षक तैयार करने चाहिए जो अनेक कक्षा और वर्गों को एक ही कक्षा में पढ़ा सकें और यह समझ सकें कि जेंडर भिन्नता के लिए शिक्षक का व्यवहार कैसे शिक्षा के परिणामों को प्रभावित कर सकता है। प्रत्येक शिक्षक के लिए शिक्षण कौशल को विकसित और सुदृढ़ करने हेतु सेवाकालीन प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। यह शिक्षकों को कमजोर छात्रों, विशेषकर शुरुआती कक्षा में छात्रों को नए विचार उपलब्ध करा सकता है, और शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम के अनुसार परिवर्तन लाने में मदद कर सकता है। अभिनव दृष्टिकोण जैसे दूरस्थ शिक्षक शिक्षा, तथा साथ ही प्रशिक्षण और परामर्श को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि सेवा-पूर्व और सेवाकालीन विषय शिक्षा, दोनों को बड़ी संख्या में शिक्षकों को दिलाया जा सके।
शिक्षकों की सहायता के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षक तैयार करना
यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को सभी बच्चों कीशिक्षा में सुधार करने के लिए उत्कृष्ट प्रशिक्षण दिया जाए।यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकोंको वास्तविक कक्षा शिक्षण चुनौतियों का ज्ञान एवं अनुभव होतथा उनसे कैसे निपटा जाए। इसलिए नीति-निर्माताओं को ऐसे शिक्षक प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना सुनिचित करना चाहिए जिन्हें कक्षा शिक्षण आवश्यकताओं का पर्याप्त अनुभव हो औरजो कठिन परिस्थितियों में पढ़ाने से जूझ रहे हैं।नए योग्यता प्राप्त शिक्षकों को शिक्षण ज्ञान को कार्यकलापों में परिणत करने में समर्थ बनाना, जिससे सभी बच्चों की शिक्षा मेंसुधार हो। नीति निर्माताओं को प्रशिक्षित प्रशिक्षक उपलब्ध करानेचाहिए ताकि वे इस बदलाव के अनुरूप बन सकें।
शिक्षकों की वहां नियुक्ति करना जहां उनकी सर्वाधिक आवश्यकता है
सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न केवल उत्कृष्ट शिक्षकों की ही भर्ती करके उन्हें प्रशिक्षित किया जाए, बल्कि उन्हें ऐसे क्षेत्राों में भी तैनात किया जाए जहां उनकी सर्वाधिक आवश्यकता है। पर्याप्त मुआवजा, बोनस वेतन, अच्छा आवास तथा व्यावहारिक विकास अवसरों के रूप में सहायता का प्रयोग प्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रामीण या उपेक्षित क्षेत्राों में पद स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जाना चाहिए। इसके अलावा, सरकारों को शिक्षकों की स्थानीय रूप से भर्तीकी जानी चाहिए तथा उन्हें सेवाकालीन प्रशिक्षण दिलाना चाहिए ताकि सभी बच्चे, चाहे वे कहीं भी रहते हों, को शिक्षक मिलें जो उनकी भाषा और संस्कृति को समझ सकें और इस प्रकार उनकी शिक्षा में सुधार कर सकें।
बेहतरीन शिक्षकों को बनाए रखने के लिए प्रतिस्पर्धा करियर और वेतन ढांचे का प्रयोग करना
सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षकों को इतना कमाना चाहिए कि वे अपने परिवारों को गरीबी की रेखा से ऊपर उठा सकें और उनके वेतन समान व्यवसायों के साथ बराबरी कर सकें। निष्पादन से संबंधित वेतन में अंतरनिहित अपील होती है जो शिक्षकों को शिक्षा में सुधार करने के प्रेरित करती है। तथापि, यहउन छात्रों को सिखाने में हतोत्साहित कर सकती है जो कम अंक प्राप्त करते हैं, जिन्हें सीखने में मुश्किल होती है या जो गरीब समुदायों में रहते हैं। इसकी बजाय, सभी शिक्षकों के निष्पादन में सुधार करने के लिए एक आकर्षक करियर और वेतन ढांचे का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल दुर्गम क्षेत्राों में शिक्षकों को पहचान और पुरस्कार देने के लिए भी किया जा सकता है तथा उन्हें जो उपेक्षित बच्चों की शिक्षा को समर्थन देते हैं।