एमसीआई से समय रहते परमिशन नहीं ली, पीजी की पढ़ाई पर संकट
धनबाद। पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज में एकेडमिक ईयर 2021-22 में पीजी की पढ़ाई नहीं हो पायेगी। वजह है मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से पीजी की पढ़ाई के लिए अनुमति नहीं ले पाना। दरअसल, मेडिकल कॉलेजों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से पीजी की पढ़ाई के लिए अनुमति लेनी होती है।
इसके लिए मेडिकल कॉलेजों को तय समय पर एप्लीकेशन देना होता है, लेकिन तय समय पर पीएमसी (पटना मेडिकल कॉलेज) ने एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) को आवेदन नहीं दिया, जिस वजह से पीजी की पढ़ाई कराने की अनुमति नहीं मिल पायी।
विभाग ने नहीं दिया अनिवार्यता प्रमाणपत्र
पीजी की पढ़ाई के लिए अनुमति लेने के आवेदन के साथ अंडरटेकिंग और एसेंसियलिटी सर्टिफिकेट (अनिवार्यता प्रमाण पत्र) देना होता है। पीएमसी प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों की मानें तो इस प्रमाणपत्र के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है। इसके बाद भी सरकार से अंडरटेकिंग और एसेंसियलिटी सर्टिफिकेट (अनिवार्यता प्रमाण पत्र) नहीं मिला। इसी वजह से एमसीआई को आवेदन नहीं किया जा सका। आवेदन नहीं किये जाने के साथ ही सत्र 2021-22 में पीजी की पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद भी खत्म हो गयी।
एमसीआइ की टीम करती है कॉलेज का निरीक्षण
पीएमसी में पीजी की पढ़ाई के लिए तैयारियां चल रही हैं, जिन विषयों में पीजी की पढ़ाई करानी है, उन विषयों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की यूनिट बन रही है। संस्थान की ओर से अंडरटेकिंग और इसेंसियलिटी सर्टिफिकेट के साथ एमसीआइ में आवेदन करने के बाद एमसीआइ की टीम कॉलेज का निरीक्षण करती है।
निरीक्षण के दौरान कॉलेज और हॉस्पिटल की आधारभूत संरचना, मैनपावर आदि को देखा जाता है। मेडिकल कॉलेज की ओर से हर सब्जेक्ट के हिसाब से एमसीआई को निरीक्षण शुल्क देना होता है। यह शुल्क प्रति विषय दो लाख रुपये (प्लस जीएसटी) देनी होती है। मगर विभागीय उदासीनता की वजह से अब पीएसमीएच में सत्र 2020-21 में पीजी की पढ़ाई नहीं हो पायेगी।
15 विभागों के लिए करना था आवेदन
पीएमसी में इस बार 15 विभागों में पीजी शुरू करने के लिए आवेदन करना था। इसमें मेडिसिन, सर्जरी, गायनी, ईएनटी, ओफ्थाल्मोलोजी, एनेस्थीसियोलॉजी, ऑथोर्पेडिक, पैथोलॉजी, फैमिली मेडिसिन, जेरिएट्रिक मेडिसिन, पीएसएम, एनाटॉमी, एफएमटी आदि विभाग थे। अनिवार्यता प्रमाणपत्र नहीं मिलने से आवेदन नहीं कर पाने के बाद पीएमसी अधिकारी अब पीजी के लिए आवेदन करने की तिथि बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। प्रबंधन के मुताबिक, अगर आवेदन के लिए तारीख बढ़ी है तो अनिवार्यता प्रमाणपत्र के लिए सरकार को फिर से लिखा जायेगा।