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पाठशाला प्रबंधन समिति को किया जा रहा अपमानित : एस०एम०सी०
सरकार व शिक्षा विभाग इस मामले में जल्द ले कड़ा संज्ञान : जिलाध्यक्ष
पाठशाला प्रबंधन समिति को किया जा रहा अपमानित : एस०एम०सी०
सरकार व शिक्षा विभाग इस मामले में जल्द ले कड़ा संज्ञान : जिलाध्यक्ष
*राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तरौर में प्रार्थना सभा में बच्चे द्वारा संस्कृत में गाये गए गीत को पूरा ना करने से पहले ही सबके सामने बीच में रोककर उसकी मानसिकता को ठेस पहुंचाने के विषय को लेकर उठाए गए सवाल पर प्रधानाचार्या का सदस्य सचिव एस०एम०सी० होने के बावजूद भी पाठशाला प्रबंधन समिति को अपमानित करने का प्रयास किया है। प्रधानाचार्या द्वारा एस०एम०सी० की शकलें ना देखने की भी बात कही जा रही है। गौरतलब है कि 19 दिसंबर, 2023 को मंडी से मामले की छानबीन करने आई टीम के सामने एस०एम०सी० अध्यक्ष को बाहर जाने की बात कही गई है तथा उस दिन की गई एस०एम०सी० बैठक में भी आने पर इन्कार किया गया व कार्यवाही पर हस्ताक्षर भी नहीं किए गए। क्या एसएमसी प्रधानाचार्या के अधीनस्थ कार्य करती है? क्या सरकार ने अभिभावकों का अपमान करने के लिए एसएमसी बनाई है? ये अच्छी बात नहीं है। एक सदस्य सचिव को इस तरह चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान करने का कोई हक नहीं हैं। एसएमसी पाठशाला में आ रही समस्याओं का हर तरह से हल निकालने में सक्षम होती है लेकिन काफी समय से प्रधानाचार्या एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों का अपमान करती जा रही है, क्या यह बात सही है? मेरा एसएमसी अध्यक्ष होने के नाते सरकार, सरकार के प्रतिनिधियों तथा विभाग के सभी अधिकारियों से निवेदन है कि यदि इस तरह से एक सदस्य सचिव एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों का अपमान करने पर भी आप द्वारा कोई उचित कार्यवाही नहीं की जा रही है तो ये बड़े शर्म की बात है। हम यह भी मांग करते हैं कि श्रीमती किरण चौधरी के पुराने सारे सेवा कार्यकाल की भी जांच की जानी चाहिए यदि कोई मामला कोर्ट इत्यादि का पाया जाता है तो इन्हे किसी भी विद्यालय में कार्यरत न करवाया जाए बल्कि किसी कार्यालय में बैठाया जाए यदि एसएमसी इस तरह से जलील किया जाता है तो सरकार एसएमसी बनाना ही बंद कर दें। एक सदस्य सचिव का एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों का अपमान करना निंदनीय है वह अधिकारी इस पद पर बैठने के काबिल ही नहीं है। बता दें कि अध्यक्ष एसएमसी गगन शर्मा पूर्व सदस्य पंचायत समिति गोहर, अध्यक्ष हिमाचल किसान यूनियन अराजनैतिक खंड गोहर , पूर्व उपाध्यक्ष ग्राम स्वराज मंच हिमाचल प्रांत,महासचिव ब्राह्मण समाज हिमाचल प्रदेश, पूर्व अध्यक्ष अंचल सुंदर नगर एकल अभियान, जिलाध्यक्ष मानव अधिकार सेवा संघ जिला मंडी, कोरोना योद्धा सेवादार एवम समाजसेवी ऐसे बहुत से पदों पर रहकर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका कहना है आजकल पढ़ाई पर अधिक जोर देना चाहिए लेकिन आए दिन किसी न किसी को उनके द्वारा विद्यालय में बुलाकर समय बर्बाद किया जा रहा है तथा बच्चों की पढ़ाई को भी बाधित किया जा रहा है, शाम को बच्चे घर में दिन का पूरा विवरण बताते हैं लेकिन सुबह जाने से पहले ही बोलते हैं कि क्या आज भी प्रिंसिपल हमें उठाएगी ! फिर उसी विषय पर हमसे कुछ पूछेगी तो नहीं? हमारे बच्चों ने इस बात को अपने मन में बैठाकर रखा है आजकल बहुत कम भोजन कर रहे हैं जिससे हमारी चिंताएं बच्चों के प्रति बहुत बढ़ गई हैं यदि हमारे बच्चों को मानसिक व शारीरिक रूप से कुछ होता है तो उसकी जिमेवारी प्रधानाचार्या व बच्चों की वीडियो बनाने वाले अध्यापक, अध्यापिका की रहेगी। बार-बार हमारे बच्चों को प्रार्थना सभा में उठाना और सबके सामने जलील करना क्या प्रधानाचार्या के कार्यक्षेत्र में है ? क्या एसएमसी को प्रधानाचार्या से अनुमति लेकर विद्यालय में प्रवेश मिलेगा ? क्या अभिभावक विद्यालय नही आ सकते जो प्रिंसिपल मंच से अभिभावकों को आने के लिए इनकार कर रही है ? क्या एसएमसी द्वारा पारित प्रस्तावों की प्रतिलिपि एसएमसी कमेटी को नही दी जाती ? क्या एसएमसी द्वारा डाले गए प्रस्तावों को सदस्य सचिव अपनी मर्जी से काट सकता है ? यदि काट सकता है तो लिख भी सकता है फिर एसएमसी का क्या मतलब रह जाता है ! एसएमसी के कर्तव्यों और कार्यों का पूर्ण विवरण एसएमसी को देना चाहिए ताकि अपमान न सहना पड़े । क्या अधिकारी, कर्मचारियों को विद्यालय से आठ किलोमीटर के दायरे में रहना पड़ता है ? यदि वह इस आठ किलोमीटर के दायरे का उलंघन किया जाता है तो क्या क्षेत्र छोड़ने का प्रस्ताव अपने अधिकारी को दिया जाता है या नहीं। जो अध्यापक अध्यापिका प्रार्थना सभा में किसी के आदेश मिलने या ना मिलने पर बच्चों की वीडियो बनाते हैं उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। प्रधानाचार्या द्वारा विद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है । यह भी बता दें कि प्रधानाचार्या ने 7 अक्तूबर 2023 को इस विद्यालय को ज्वाइन किया है और एसएमसी की केवल दो बैठकें ही आयोजित की गई। एसएमसी अध्यक्ष द्वारा 7 दिसंबर को एक प्रशिक्षण विद्यालय परिसर में सबकी उपस्थिति में बच्चों को दिया गया था तब तक उन्हें मामले की जानकारी ही नहीं थी , 8 दिसंबर को इस मामले की जानकारी मिलने पर एसएमसी अध्यक्ष विद्यालय आए और मामले के बारे में पूछा लेकिन प्रिंसिपल ने यह दिया कि स्कूल का मामला है हर बात एसएमसी को नहीं बताते। 75 दिन के प्रिंसिपल के कार्यकाल में केवल 13 दिन एसएमसी अध्यक्ष विद्यालय गए और 8 दिसंबर 2023 के बाद 12 दिसंबर 2023 की बैठक में प्रिंसिपल से मिले इसके बाद 19 दिसंबर की इंक्वायरी में 2 मिनट के लिए आई हुई टीम के सामने मिले तो एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों की क्या गलती है ये समझ नहीं आ रहा । एसएमसी अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार / सचिव शिक्षा / निदेशक / उपनिदेशक उच्च शिक्षा / विधायक नाचन से मांग करते हैं कि प्रधानाचार्या श्रीमती किरण चौधरी द्वारा एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों का अपमान किया गया है उनके मान-सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंचाई है, प्रार्थना सभा में संस्कृत में गाना गा रहे बच्चे को बीच में रोक कर उसकी मानसिकता को ठेस पहुंचाने, अभिभावकों को विद्यालय में ना आने के बारे में मंच पर भाषण देने , एक अधिकारी होने पर अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने , एसएमसी को दायरे में ना लेने , पाठशाला में राजनीति करना , प्रार्थना सभा में उनके द्वारा किए गए इस कृत को बाहर के लोगों को बताने , मीडिया को स्कूल व एसएमसी की कार्यप्रणाली बारे गलत सूचना देने , आठ किलोमीटर के दायरे का किसी भी प्रकार से बिना अनुमति कार्यस्थल छोड़ने ,अधीनस्थ कर्मचारियों को गलत मौखिक, लिखित आदेश करने , संस्कृत में गीत गा रहे बच्चे के संदर्भ में शास्त्री और प्रधानाचार्या के बीच हुई बहस के विषय को अन्य मोड़ पर अन्यथा पहुंचाने का प्रयास करने के मामले में उन्हे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तरौर से तुरंत प्रभाव से हटाया जाए ।*
*सदस्य सचिव एवम प्रधानाचार्या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तरौर के इस रवैए का एसएमसी कड़ा विरोध करती है तथा इनके स्थानांतरण की मांग करती है ।