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कागजो में किया क्रम्मोनित एवं अग्रेजी माध्यम, लेकिन सुविधाओ में जस का तस अंग्रेजी माध्यम के फेर में बने घनचक्कर

सायला
सरकार ने अंग्रेजी को बढ़ावा देने व विद्यार्थियों को वैश्विक भाषा सिखाने का ऐसा बीड़ा उठाया कि विद्यार्थी व अभिभावक घनचक्कर बन गए। विद्यार्थी अब ना तो अंग्रेजी ढंग से बोल व लिख पा रहे हैं और ना हिन्दी में उत्तर सही देने में सक्षम हैं। सरकार की ओर से खोले गए राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ऐसा ही हाल है। हम बात कर रहे सायला उपखण्ड मुख्यालय स्थित राउप्राविद्यालय भटियाणी मंदिर की जहा राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के लिए एक भी शिक्षक नहीं लगाया गया है पुराने हिंदी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ही बच्चो ओ अध्यन करवा रहे है | विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक अग्रेजी माध्यम में 225 विद्यार्थी अध्यनरत है वाही कक्षा 6 से 8 तक 66 विद्यार्थी हिंदी माध्यम में अध्यन कर रहे हैं | जब की अग्रेजी माध्यम के पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो सकी है। जो शिक्षक लगाए गए है, वे भी हिन्दी माध्यम स्कूलों के है। ऐसे में विद्यार्थियों का शिक्षण प्रभावित हो रहा हैं।
खुले में बैठ कर पढ़ते है विद्यार्थी
सरकार ने विद्यालय को क्रम्मोनित करने का क्रम तो जरी रखा लेकिन मुलभुत सुविधाए जस की तस रह गई | सरकार ने राप्राविद्यालय भटियाणी मंदिर को 2013 में क्रम्मोनित कर राउप्रा विद्यालय बनाया एवं जुलाई 2023 में हिंदी से अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया लेकिन बच्चो के बैठने के लिए कक्षा कक्षों में बढ़ोतरी नहीं हो पाई | जानकारी के अनुसार प्राथमिक विद्यालय था तब 2 कमरों की सुविधा थी और 2013 में उच्च प्राथमिक में क्रम्मोनित होने पर 2 कमरे और बनाये गए | उसके बाद आज भी इस विद्यालय में मात्र 4 कक्षा कक्ष है जिसमे 8 कक्षाओ 291 विद्यार्थी अध्ययन करते है जिसमे से छोटी कक्षाओ के विद्यार्थी को खुले में अध्ययन करवाया जाता है |

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