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पुलिस की कार्रवाई में डाली बाधा, फिर पंहुचा एसपी के पास

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था को लेकर जहां हर तरफ चर्चा है कि उत्तर प्रदेश में शासन की व्यवस्था चुस्त और दुरुस्त नहीं है वहीं दूसरी तरफ शासन व्यवस्था को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए जब पुलिस अपनी कार्रवाई करती है तो कानूनी सलाहकारों की मदद से तोड़ मरोड़ करके पेश किया जाता है कि कटघरे में उत्तर प्रदेश पुलिस ही खड़ी होती है। 

इसका ताजा उदाहरण बाराबंकी जनपद के आवास विकास चौकी में सामने आया जहां धौकलपुर का रहने वाला रिंकू अपने आप को सचिन बता कर पुलिस से भिड़कर गाली-गलौज करता है और हाथापाई पर आमादा हो जाता है। ऐसी दशा में समझाने की कोशिश व बहस को बिल्कुल अलग रूप देकर पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को शिकायती पत्र दिया जाता है कि चौकी के सिपाहियों ने उसे घंटों चौकी में बिठाया और फिर उसे लाठियों से पीटा। जबकि उसकी पीठ पर लगी चोट और थाई पर बने दाग स्पष्ट बता रहे हैं कि यह पुरानी और मार की नहीं है। 

रिंकू द्वारा रची गरीब कहानी की शुरुआत कुछ ऐसी है कि सचिन जो कि धौकलपुर में ही रहता है उसके मनबढ़ और दबंगई से परेशान होकर संध्या पुत्री देशराज निवासी धौकलपुर ने प्रार्थना पत्र दे रखा था जिसकी जांच के लिए गये पुलिसकर्मियों को गुमराह करते हुए रिंकू ने अपने आपको सचिन बताया था और जांचकर्ताओं को गुमराह कर दोस्त को बचाकर न्यायिक प्रक्रिया के पहले चरण को ही मूर्ख बनाने की कोशिश की थी। ऐसे में रिंकू के कराये गये चिकित्सीय परीक्षण में एल्कोहल का होना पाया गया है।


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