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ग्राम पंचायत झंडाः बिना काम कराए निकाले लाखों रुपये

शिवपुरी (मध्यप्रदेश)। लाकडाउन का फायदा उठाकर ग्राम पंचायत झंडा जनपद नरवर में सरपंच और सचिवों ने सरकार को कई लाख रुपयों का चूना लगा दिया।

इसका खुलासा ग्रामीणों की शिकायतों पर मीडिया ग्राम पंचायत झंडा जनपद नरवर की जांच-पड़ताल में हुआ। दरअसल ग्राम पंचायत झंडा में पंचायत भवन से पीडब्लूडी सड़क तक कोई सीसी नहीं डली हुई है, लेकिन इस कार्य की धनराशि 27 जनवरी 2019 को निकाल ली गई। दूसरा मामला हाल ही का है, जिसको मात्र 2 महीने ही हुए हैं। रोशनेलाल पाल के घर से PM सड़क तक, जबकि रोशनलाल पाल का मकान वहां पर है ही नहीं जहां पर cc डाली गई है, न उसके घर कोई cc डली है फिर बीच में रुपये कहां गए। इसका पेमेंट 26 जून 2020 को हो चुका है।

सबसे बड़ा घोटाला

ग्राम पंचायत झंडा में 26 जून 2020 को एक ही cc पर डबल रुपये निकाल कर सरपंच, सचिव खा गए, कहावत सही है "एक कार्य पर डबल मुनाफा" बात कुछ अलग है जब पहले ही cc डली थी तो दूसरी cc कहा है?
जब हरिजन बस्ती में आरसीसी पहले से डली थी तो रोशनलाल जाटव के घर से pm सड़क तक, मतलब एक ही जगह कैसे गिर गई, नाम अलग लिखकर एक ही आरसीसी पर कई लाख रुपयो का घोटाला ग्राम पंचायत झंडा में सरपंचो ने अपनी दबंगाई दिखाकर किया है, इसकी जांच उच्च स्तरीय समिति या अधिकारियों द्वारा कराई जाएगी तभी दूध का दूध और पानी का पानी नजर आएगा।

बिना रिश्वत के नहीं बनते शौचालय:

ग्राम झंडा के ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच, सचिव को जबतक रिश्वत नहीं देते तब तक पंचायत के ग्रामीणों का कोई भी कार्य नहीं होता है, हर गरीब से शौचालय के नाम पर 2000 रुपये की रिश्वत मांगी जाती है, जब किसान रिश्वत नहीं देते तब उनके कार्य को रोक दिया जाता है। कई मजदूरों के मजदूरी के रुपये सरपंच सचिव ने नहीं दिए। गरीबों को मनरेगा में काम करने का मौका नहीं दिया जाता है।

ऐसे कई कार्य हैं, जो कागजों में पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन मौके पर नहीं हैं।  केशव जाटव, रामस्वरूप वाल्मीकि, कल्लन बंशकार, जनकू जाटव, बिशना आदिवासी, प्रहलाद तोमर, राहुल तोमर, पातीराम आदिवासी, तोरन आदिवासी, श्रीलाल पाल, गोमा बाई, घनश्याम, राजेश पाल, रामकृष्ण पाल आदि ग्रामीणों ने अपनी पंचायत झंडा में कार्यों में हुई धांधली के खिलाफ आपनी आवाज बुलंद की तब जाकर मामले का खुलासा हो सका।


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