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राजकीय आइएएसई बीएड महाविद्यालयों के प्रशिक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़

राजस्थान के दोनों राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थानों (आइएएसई) की मान्यता एनसीटीई द्वारा प्रत्याहारित होने के बाद भी बीएड और एमएड में प्रवेश देकर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बीकानेर और अजमेर में स्थित इन दोनों आईएएसई ने एनसीटीई नई दिल्ली, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर, पीटीईटी का आयोजन करने वाली गुरु गोविन्द ट्राइबल विश्वविद्यालय बांसवाड़ा और राज्य राजस्थान की आंखों में धूल झोंककर बीएड और एमएड के ट्रैनिंग कोर्स में दाखिला दे दिया। शिक्षक शिक्षा से जुड़े एक्टिविस्ट ललित कुमार और सेवानिवृत शिक्षक डॉ. जितेंद्र शर्मा द्वारा इस फर्जीवाड़े को सोशल मीडिया पर उजागर किया तब दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के होश उड़ गए और अपने भविष्य को लेकर ये विद्यार्थी लामबंद होकर आवाज़ उठाने लगे तब यह मुद्दा सामने आया। इन दोनों आईएएसई की संबद्धता वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई नई दिल्ली) से नहीं है। इन दोनों संस्था के प्रधानों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर इन स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर के कुलपति के कार्यालय कूच किया लेकिन कुलपति किसी के मीटिंग में व्यस्त होने पर अन्य अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया।
इन स्टूडेंट्स द्वारा वीसी को दिए पत्र के साथ 10 नवंबर 2022 का एनसीटीई का विड्रावल ऑर्डर की प्रति भी ज्ञापन के साथ लेकर आए थे। स्टूडेंट्स ने कहा कि जब 2022 में ही दोनों महाविद्यालयों की संबद्धता समाप्त कर दी गई थी तो फिर पीटीईटी द्वारा उन्हें इस कॉलेज में एडमिशन किस आधार पर दिया गया। इस बारे में यूनिवर्सिटी के कुलपति से मिलकर विद्यार्थी वस्तुस्थिति जानना चाहते थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। स्टूडेंट्स का कहना है कि बीएड द्वितीय वर्ष व एमएड कर रहे स्टूडेंट्स को भी अपना भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।
ज्ञात रहे पीछले वर्षों में एनसीटीई नई दिल्ली द्वारा शिक्षकों और संसाधनों के अभाव में राज्य के पांच राजकीय बीएड महाविद्यालयों की मान्यता भी प्रत्याहारित कर ली थी। वर्तमान में प्रदेश में एक भी मान्यताप्राप्त सरकारी बीएड और एमएड कॉलेज संचालित नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को मजबूरी में निजी महाविद्यालयों का रुख करना पड़ रहा है।

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