
भारत का हर तीसरा भारतीय कर्ज की दल दल में फस चुका है वजह सरकार की गलत नितिया
2012 के पहले दौर यह था की किसान ही कर्ज की परेशानी को लेकर आत्महत्या कर रहा था, आज समय यह हैं की दीहाडीकरनार, छोटे व्यापारी, बील्डर, प्राईवेट पैसेवर, छोटे उध्दोगपति, किसान, पुलिस, वकील, डोकटर एवम भाजपा के नेता भी आत्महत्या करने मजबुर हो रहे हैं!!!
सरकार के आंकडे जो हाल में दीख रहे हैं उनसे कही ज्यादा यह हो रहा हैं, कल का गुजरात मोरबी का किस्सा, जुनागढ, वेरावल, नेता की घटना, राजकोट की घटना, एवम अन्य राज्यो में यह हम देख रहे हैं, सरकार को पहले से जानकारी प्राप्त होने के बावजुद यह क्रम बढ रहा हैं, 16 महीनो से देश में निशुल्क कर्ज मुक्त अभीयान के तहत हर महीने सरकार के पास कर्ज से परेशान लोगो की जानकारी मील रही हैं, सरकार बडे बडे उद्धोगपतिओ का लाखो करोडो रुपीया हैरकट, राईटओफ अंडर राईट के नाम माफ कर रही हैं, मगर आम जनता का नही यह एक बडा प्रश्न खडा कर रही हैं, संसद में चर्चा एवम प्रश्न उठ रहा हैं किन्तु परंन्तु कोई ठोस कदम नहीं. जनता को कर्ज मुक्त भारत अभीयान की टीम से आंशीक फायदा एवम 7लाख परीवारो को आत्महत्या करने से पहले बचाने का काम कीया यह बडी जीत हें. हाल में हुई गुजरात और सौराष्ट्र मे बारीश के साथ ओला की तबाही यह समस्या बढा शकती हैं क्योकी किसान और मजदुर सरकार की नजरीयो से ज्यादा नुकशान भुगत रही है, यह सोसीयल मीडीया में साफ दीख रहा हैं आगे देखते हैं सरकार क्या एवम कीतना समस्या का समाधान कर पायेगी?