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आरक्षण और संविधान बचाना सबसे पहला फर्ज : ढोसीवाल -- विरोधी चल रहे कोझाी चालें --

श्री मुक्तसर साहिब, 20 नवंबर (विपन मितल ) भारत के सबसे पढ़े लिखे महान विद्वान भारत रत्न बाबा साहिब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने सख्त मेहनत के बाद देश का संविधान लिखा था। इसी संविधान अनुसार देश निवासियों को सभी अधिकार प्राप्त हुए हैं। सभी के लिए वोट का अधिकार, मजदूरों के लिए कार्य के घंटे निश्चित करना, महिला कर्मचारियों के लिए मैटरनिटी लीव के अधिकार समेत बुनियादी अधिकार डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखे संविधान की ही देन है। दशकों से दबे कुचले और हर प्रकार के शोषण का शिकार अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित कबीलों को समाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तौर पर दूसरों के बराबर समाजिक रूतबा दिलाने के लिए इस वर्ग के लिए आरक्षण की सुविधा लागू की है। इसी आरक्षण के आधार पर इस वर्ग के लोगों ने आरक्षण का लाभ लिया है, परंतु कुछ विरोधी मानसिकता वाले लोगों की आँख में आरक्षण कांटे की तरह चुभ रही है। आरक्षण को खत्म किया जा रहा है। सरकारी नौकरियों में इसको खत्म करने के नये नये तरीके ढूंढे जा रहे हैं। रिजर्वेशन में रिजर्वेशन (रिजर्वेशन विदिन रिजर्वेशन) लागू करके आरक्षण के मूल मंतव को खत्म किया जा रहा है। रोटा और रोस्टर सिस्टम को मनमाने ढंग से लागू किया जा रहा है। इतना ही नहीं समय की सरकारों ने संविधानिक सोध के बहाने आम लोगों के कानूनी अधिकारों पर डाका डाला है। समता, समानता और भाईचारे के पहरेदार संविधान को खत्म करके देश को गुलामी की तरफ लेकर जाने की कोशिषें जारी हैं। एल.बी.सी.टी. (लार्ड बुद्धा चैरिटेबल ट्रस्ट) के चेयरमैन और आल इंडिया एस.सी./बी.सी./एस.टी. एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष दलित रत्न जगदीश राय ढोसीवाल ने आरक्षण और संविधान को सोध के बहाने खत्म करने की कोशिशों की पुरजोर शब्दों में निंदा और आलोचना की है। उन्होंने आगे कहा है कि वर्तमान समय में देश के नागरिक को इन चालों प्रति सुचेत और जागृत होने की जरूरत है। रिजर्र्वेशन और संविधान को बचाना हर देश निवासी का बुनियादी फर्ज है। ढोसीवाल ने आगे कहा है कि अगर विरोधी ताकतें रिजर्वेशन और संविधान को खत्म करने के अपने मनसूबों में सफल हो जाती हैं तो डॉ. अंबेडकर के सपनों पर आधारित समता, समानता और भाईचारे पर आधारित समाज की कभी भी सृजना नहीं हो सकेगी।


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