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*दिल्ली की कला और रंगमंच की दुनिया के अनूठे उत्सव ‘तफ़रीह’ का पाँचवा एडिशन 16 नवम्बर से 18 नवंबर


 सिली सोल्स फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘तफ़रीह’ दिल्ली का पहला गार्डन आर्ट फेस्टिवल है जो नाटक, रीडिंग्स, मुशायरा, इंटरव्यूज़ और संगीत प्रस्तुतियों के लिए जाना जाता है. इस साल का आयोजन त्रिपुरारी शर्मा की स्मृति को समर्पित है. सिली सोल्स स्टूडियो, 29/1 सिविल लाइन्स, दिल्ली में 16 से 18 नवम्बर, दोपहर दो बजे से रात साढ़े नौ बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हर रोज़ चार पर्फार्मेंन्स होंगी. 
हमेशा की तरह इस साल के आयोजन का मुख्य आकर्षण है हर शाम होने वाले नाटक. पहली शाम 16 नवंबर को हास्य नाटक स्त्री सुबोधिनि त्रिपुरारी शर्मा के निर्देशन और संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कृत मूनमून द्वारा किया जाएगा। 
इस साल ‘तफ़रीह’ में पहली बार होने जा रहा है “मुशायरा” जिसके तहत हमे सुनने का मौका मिलेगा फ़रहत एहसास, तरकश प्रदीप, विकास शर्मा राज़, इरशाद ख़ान सिकंदर और पल्लव मिश्रा को। 
फ़ेस्टिवल में हर दिन थिएटर और कला की दुनिया की जानी मानी शख़्सियतों से बात करेंगी हमारी डायरेक्टर प्रियंका शर्मा और नवीन चौधरी।
पहले दिन देवेंद्र राज अंकुर, दीवान सिंह बजेली, प्रताप शर्मा सोमवंशी, अदिति महेश्वरी और रमा यादव से विचार-विमर्श होगा। विमर्श का शीर्षक होगा ‘उपन्यास और मंच में बढ़ती दूरी’। और प्रत्यक्ष in conversation with Priyanka Sharma में पहले दिन मेहमान होंगे रीना अग्रवाल और नरेश शर्मा। 
दूसरे दिन होगा मुशायरा जिसमे हमारे साथ होंगे फ़रहत एहसास, तरकश प्रदीप, विकास शर्मा राज़, इरशाद ख़ान सिकंदर और पल्लव मिश्रा। प्रत्यक्ष के मेहमान होंगे सुप्रसिद्ध प्रोफेसर, मोटीवेशनल स्पीकर विजेंद्र चौहान।आख़िरी दिन में होगा ओपन माइक, और उसके बाद प्रत्यक्ष में हमारे मेहमान होंगे हेमा सिंह और कुशल दुबे। तफ़रीह की शामें अपनी संगीत प्रस्तुतियों के लिए विख्यात हैं. सुभ्रदीप साहू की प्रस्तुति और राब्ता ग्रुप के द्वारा साहिर लुधियानवी, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ और कैफ़ी आज़मी की शायरी की म्यूज़िकल अदायगी इस बार का आकर्षण हैं.

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