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पुण्य का संग्रह नहीं किया तो कोई सुख सुविधा काम नहीं आएगी- इन्दुप्रभाजी म.सा. आवेश के पलों में शांत रहने पर जटिल समस्याओं का भी समाधान- समीक्षाप्रभा

भीलवाड़ा, 4 नवम्बर। जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं का संग्रह करने से तब कोई फायदा नहीं होने वाला जब तक आपके पास पुण्य नहीं होगा। पुण्य का संग्रह करते जाओ आपको सब कुछ मिलता चला जाएगा। यदि पुण्य का संग्रह नहीं कर पाए तो जो है वो भी चला जाएगा। पुण्य का संग्रह सांसारिक मोहमाया में लिप्त रहकर नहीं हो सकता इसके लिए धर्म के कार्य करने ओर जिनवाणी श्रवण करनी होगी। ये विचार भीलवाड़ा के चन्द्रशेखर आजादनगर स्थित रूप रजत विहार में शनिवार को मरूधरा मणि महासाध्वी श्रीजैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या वात्सल्यमूर्ति महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. ने नियमित चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि शांत भाव में रहने से जीवन का कल्याण होता है तो क्रोध करने पर नाश होता है। इसलिए हमेशा शांतभाव रखते हुए जीवन में कार्य करने चाहिए। उन्होंने जैन रामायण का वाचन करते हुए राम के दण्डकारण पहुंचने सहित वनवास से जुड़े विभिन्न प्रसंगों की चर्चा की। धर्मसभा में उत्तराध्ययन सूत्र की आराधना के तहत तत्वचिंतिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा. ने नवें अध्ययन नमी पव्वज्जा की चर्चा जारी रखते हुए कहा कि आवेश के पलों में भी मन को शांत रखने में सफल हो जाए तो जटिल समस्याओं का भी समाधान नजर आएगा। आवेश के पलों में शांत नहीं रहकर कोई गलत निर्णय कर ले तो समस्या अधिक जटिल बन जाती है। वैराग्य की भावना उपर से नहीं मन के आन्तरिक भावों से आनी चाहिए। मन में वैराग्य भाव जागृत हो जाए तो फिर भौतिक संपदा ओर सांसारिक सुखों से कोई मोह नहीं रह जाता है। उत्तराध्ययन आराधना के माध्यम से इस सूत्र के 36 अध्यायों का वाचन पूर्ण किया जाएगा। धर्मसभा में आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा., मधुर व्याख्यानी डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा., आदर्श सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा., तरूण तपस्वी हिरलप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा का सानिध्य भी रहा। धर्मसभा में अतिथियों का स्वागत श्री अरिहन्त विकास समिति द्वारा किया गया। सचंालन युवक मण्डल के मंत्री गौरव तातेड़ ने किया। भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक के उपलक्ष्य में दीपावली तक प्रतिदिन दोपहर 3 से 4 बजे तक पुच्छीसुणम की आराधना रूप रजत विहार में हो रही है। इसमें तत्वचिंतिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा. तीर्थकरों को समर्पित पुच्छीसुणम मंत्र का जाप करा रहे है। श्री अरिहन्त विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सुकलेचा ने बताया कि नियमित चातुर्मासिक प्रवचन प्रतिदिन सुबह 8.45 बजे से 10 बजे तक हो रहे है। चातुर्मासकाल में रूप रजत विहार में प्रतिदिन सूर्योदय के समय प्रार्थना, दोपहर 2 से 3 बजे तक नवकार महामंत्र का जाप हो रहा है।

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