#Eid_Al_Adha
ईद अल-अज़हा या कुरबानी की ईद
(अरबी में ईद- द-उल-अज़हा अथवा ईद-उल-अद्'हा जिसका मतलब क़ुरबानी की ईद)
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#Eid_Al_Adha
ईद अल-अज़हा या कुरबानी की ईद
(अरबी में ईद- द-उल-अज़हा अथवा ईद-उल-अद्'हा जिसका मतलब क़ुरबानी की ईद)
इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्यौहार है। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग ७० दिनों बाद इसे मनाया जाता है।
इस्लामिक मान्यता के अनुसार हज़रत इब्राहिम As.
अपने पुत्र हज़रत इस्माइल As. को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा कि राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है।
अरबी भाषा में'बक़र'का अर्थ है भेड़
लेकिन इधर हिंदी उर्दू भाषा के बकरी,बकरा से इसका नाम जुड़ा है,
अर्थात इधर के देशों में बकरे की कुर्बानी के कारण असल नाम से बिगड़कर आज भारत, पाकिस्तान व बांग्ला देश में यह'बकरा ईद'से ज्यादा विख्यात हैं।
ईद-ए-कुर्बां का मतलब बलिदान की भावना । अरबी में 'कर्ब' नजदीकी या बहुत पास रहने को कहते हैं
मतलब इस मौके पर अल्लाह इंसान के बहुत करीब हो जाता है। कुर्बानी उस पशु के जिबह करने को कहते हैं। जिसे 10,11,12 या 13 जिलहिज्ज (हज का महीना ) को खुदा को खुश करने के लिए ज़िबिह किया जाता है।
कुरान शरीफ में लिखा है:
हमने तुम्हें हौज़-ए-क़ौसा दिया तो तुम अपने अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ो और कुर्बानी करो।
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