
केंद्रीय तहसील में लोगों का फूटा गुस्सा, जमकर निकाली भड़ास
लुधियाना : गिल रोड स्थित केंद्रीय तहसील में फैली रिश्वतखोरी
केंद्रीय तहसील में लोगों का फूटा गुस्सा, जमकर निकाली भड़ास
लुधियाना : गिल रोड स्थित केंद्रीय तहसील में फैली रिश्वतखोरी और बदहाली से परेशान जनता के सब्र का बांध उस समय टूट गया जब कड़कती गर्मी के बावजूद ए.सीं और पंखे बंद होने की वजह से कई बुजुर्ग बेहोश होते नजर आए, जिसके बाद भड़के लोगों ने सरकार और दफ्तर में तैनात स्टाफ के खिलाफ हंगामा करते हुए गंभीर आरोप लगाए। एक तरफ तो सरकार ने राज्य में बिजली की बचत के लिए दफ्तरों का समय बदल कर सुबह 7.30 बजे कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर दफ्तरों का स्टाफ और अधिकारी सुबह 9 बजे के बाद ही अपनी सीटों पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट लेने के बावजूद समय पर तहसीलों में पहुंचने वाली जनता को जहां घंटों अधिकारियों का इंतजार करना पड़ता है वहीं भीषण गर्मी के बावजूद तहसीलों में उनकी सुविधा के नाम पर लगे ए.सी. और पंखे तक नहीं चलते।
यही व्यवस्था केंद्रीय तहसील में देखने को मिली जब दफ्तर के समय पर तहसील में पहुंची जनता को जहां घंटों रजिस्ट्रेशन का काम शुरू होने का इंतजार करना पड़ा, वहीं कई बुजुर्ग खराब ए.सी. व उमस की वजह से बेहोश होने लगे। वहां घंटों से खड़े लोगों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने जम कर अव्यवस्था के खिलाफ भड़ास निकाली। शिमलापुरी निवासी गुरमुख सिंह, अजमेर सिंह, अमर सिंह, सीता देवी और गज्जन सिंह ने आरोप लगाया कि जिस जनता ने सरकार को लाखों रुपए का राजस्व देना है उसकी सुविधा के लिए हाल में लगे ए.सी. कई माह से खराब हैं और पंखे तक बंद हैं जबकि खुद अधिकारियों के दफ्तर में ए.सी. चल रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि तहसील में बिना एन.ओ.सी. के वसीकों पर 30 हजार रुपए से ज्यादा की रिश्वत की कथित रूप में मांग की जा रही है। पहले भी इसी तहसील से विजिलेंस ने छापामारी कर एक आर.सी. को जाली एन.ओ.सी. तैयार करवाने के आरोप में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिसके कुछ दिन बाद तक स्टाफ ने बिना एन.ओ.सी. वसीके रजिस्टर्ड करना बंद कर दिया था लेकिन एक बार फिर गरीब लोगो का खून चूसने का काम शुरू हो चूका है। तहसील में घूम रहे दलाल लोगों से हजारों रुपए रिश्वत वसूल कर दस्तावेज पर निशानी लगा अंदर भेज रहे हैं जिसके बाद तुरंत वसीका रजिस्टर्ड हो रहा है। उन्होंने तहसील में तैनात आरसी गुरप्रीत सिंह पर भी दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। लोगों ने कहा कि सरकार बनने के बाद एक-एक करके कई विधायकों ने तहसील में छापामारी की थी। अब उन्हें क्यों लोगों की याद नहीं आ रही है, जबकि मौजूदा समय में तो पहले से भी ज्यादा रिश्वत का बोलबाला हो चुका है। वहीं जब दफ्तर में फैली रिश्वतखोरी और बदहाली संबंधी तहसीलदार नवप्रीत सिंह से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।