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महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे बोले, ‘भड़काने वालों’ को सीएए ‘समझने’ की जरूरत

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) से किसी भी नागरिक की नागरिकता को खतरा नहीं है तथा जिन्होंने राजधानी के शाहीन बाग और देश के विभिन्न हिस्सों में इसके विरोध में चल रहे प्रदर्शनों कोभड़काया’ है, उन्हें इसे समझने की जरूरत है।

महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की संयुक्त गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के बाद आज पहली बार राष्ट्रीय राजधानी आये और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य की समस्याओं को लेकर मुलाकात की।

बाद में ठाकरे और उनके पुत्र एवं राज्य सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में महाराष्ट्र के हिस्से की धनराशि के भुगतान में देरी के बारे में चर्चा की और प्रधानमंत्री से कहा कि धनराशि देरी से रही है और इसका भुगतान जल्द किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में समस्या रही है। दस जिलों में कोई बीमा कंपनी नहीं रही है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी प्रधानमंत्री के साथ सीएए, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के बारे में कोई बात हुई, ठाकरे ने कहा कि तीनों मुद्दों पर उनकी प्रधानमंत्री से बात हुई है। उन्होंने इस पूरे विषय को अच्छी तरह से समझ लिया है। सीएए से भारत के किसी नागरिक की नागरिकता नहीं जा रही है।

पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक नागरिक जिनमें हिन्दू भी हैं, उनकाे नागरिकता दी जानी है। एनआरसी के बारे में सरकार ने संसद में साफ कर दिया है कि यह पूरे देश में नहीं लाया जाएगा, केवल असम के लिए है। एनपीआर जनगणना का मामला है और उसमें नया कुछ भी नहीं है, पूरे देश में जनगणना हर 10 साल में होती है। तो उसमें भी कोई दिक्कत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर एनपीआर में ऐसा कोई विषय आता है जो किसी के लिए खतरनाक है तो बाद में उस पर विवाद हो सकता है।

पर अभी ऐसा कुछ भी नहीं है। शाहीन बाग तथा देश के विभिन्न भागों में सीएए के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने के बारे में उन्होंने कहा कि जिन्होंने उन लाेगों को भड़काया है, उन्हें समझने की जरूरत है। उनकी सरकार में सहभागी कांग्रेस द्वारा विरोध किये जाने का उल्लेख किये जाने पर ठाकरे ने कहा कि उन्हें विरोध क्यों करना है या समर्थन क्यों करना है, इसे समझने की जरूरत है।

सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर शिवसेना के इस रुख से महाराष्ट्र सरकार की स्थिरता पर असर पड़ने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर चल रही है और उसमें कोई समस्या नहीं है। बाद में ठाकरे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके निवास पर रवाना हो गये। ठाकरे का भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मिलने का कार्यक्रम है।


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