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केंद्र ने छत्तीसगढ़ के हंसदेव अरण्य क्षेत्र में स्थित पांच कोयला खदानों को लिस्ट से हटाया
नई दिल्ली/रायपुर। केंद्र ने छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में स्थित पांच कोयला खदानों को लिस्ट से हटा दिया गया है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के खनन अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि, ‘छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में स्थित पांच कोयला खदानों को लिस्ट से हटा दिया गया है। इनमें मोरगा साउथ, मोरगा टू, मदनपुर नार, सियांग और फतेहपुर ईस्ट शामिल है। इन खदानों में खनन को लेकर राज्य सरकार ने ऐतराज व्यक्त किया था। राज्य सरकार का कहना था कि, ‘इससे क्षेत्र में पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।’
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के खनन अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जोशी ने बताया कि, ‘देश में पहली बार कॉमर्शियल माइनिंग की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन.जिन सरकारों को कॉमर्शियल माइनिंग पर आपत्ति है, उनसे बात करें। उन्होंने कहा कि, ‘निर्वाचित सरकार किसी की भी पार्टी की हो, उनको साथ लेकर चलना है।’
केंद्रीय मंत्री जोशी ने बताया कि, ‘देशभर की 40 खदानों में कॉमर्शियल माइनिंग हो रही है। इनमें छत्तीसगढ़ के नौ कोल ब्लॉक हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘अरण्य क्षेत्र स्थित कोल ब्लॉक के स्थान पर राज्य सरकार की ओर से तीन नई खदानों का विकल्प दिया गया है। केंद्र इस पर विचार कर रहा है। पर्यावरण व अन्य आपत्तियों को देखने के बाद इस पर फैसला होगा।’
केंद्र सरकार के अधीन प्रदेश के 20 से 22 कोयला ब्लॉक
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि, ‘पहले से ही छत्तीसगढ़ के 20 से 22 कोल ब्लॉक केंद्र सरकार के अधीन है।ं इनमें से कई में अभी माइनिंग बंद हैं। उन्होंने बताया कि, ‘यदि ये सब फिर से शुरू हो जाते हैं। तो राज्य सरकार को हर वर्ष छह से आठ हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा।’
बैठक में सचिव कोयला मंत्रालय अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया लिमिटेड के प्रमुख (चेयरमैन) प्रमोद अग्रवाल, एसईसीएल के सीएमडी एपी पण्डा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, खनिज विभाग के सचिव अन्बलगन पी., पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी और संचालक खनिज समीर विश्नोई सहित केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।