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मध्यप्रदेश में हजारों अतिथि शिक्षक हुए वेरोजगार उनका भविष्य अंधकारमय। नियमित शिक्षक के आने से अतिथि शिक्षकों के भविष्य

मध्यप्रदेश में हजारों अतिथि शिक्षक हुए वेरोजगार उनका भविष्य अंधकारमय।
नियमित शिक्षक के आने से अतिथि शिक्षकों के भविष्य पर छाऐ संकट के बादल।
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मध्यप्रदेश सरकार अतिथि शिक्षकों के हित में नहीं बना पाईं कोई सकारात्मक नीति।
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सीधी - मध्यप्रदेश के स्कूलों में वर्ग 1, 2, 3, में लम्बे समय से कार्यरत अतिथि शिक्षकों के लिए मध्यप्रदेश सरकार कोई सकारात्मक नीति नहीं बना पाईं जिससे आज कई वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को वेरोजगार किया जा रहा है, अभी हाल ही में शिक्षक भर्ती वर्ग 1, 2, 3, के लिए नियमित शिक्षको के लिए नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। और उन नियमित शिक्षकों को उन्ही विद्यालयों में नियुक्ति दी गई है जहां पर अतिथि शिक्षक कई वर्षों से कार्यरत हैं, कार्यरत अतिथि शिक्षकों की वर्षों से लंबित मांग है कि उन्हें उसी पद में उसी विद्यालय में नियमित किया जाए। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने आज तक अतिथि शिक्षकों के लिए कोई भी सकारात्मक नीति नहीं बनाई गई की जिससे अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुनिश्चित हो सके। जबकि मध्यप्रदेश के अलावा अन्य कई राज्यों ने जैसे हरियाणा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, मिजोरम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों ने अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर निश्चित वेतनमान पर यथावत रंख लिया गया है अब उन्हें कभी भी बाहर ना करने का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश में कार्यरत अतिथि शिक्षकों में से बहुत से अतिथि शिक्षक योग्य एवं अनुभवी हैं और R T के समस्त नियमों का पालन करते हैं मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं डीएड बीएड प्रशिक्षित है, लगभग 15 से निरंतर कार्यरत हैं ऐसे अतिथि शिक्षकों को बाहर निकालना न्यायोचित नहीं है, मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक कई वर्षों से नियमितीकरण को लेकर महाआंदोलन करते आ रहे हैं नियमितीकरण के लिए मध्यप्रदेश के समस्त सत्ताधारी पार्टी एवं विपक्ष के विधायकों सांसदों मंत्रियों द्वारा मुख्यमंत्री जी को लिखित में दिया गया है कि मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के सम्बन्ध में सकारात्मक नीति बनाकर उन्हें रंखा जाएं बाहर ना निकाला जाए, लेकिन इस पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया आये दिन अतिथि शिक्षकों को बाहर निकाला जा रहा है, जिससे सैकड़ों अतिथि शिक्षकों ने आत्महत्या तक कर ली है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हुए कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने बताया है कि मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए लाखों पद खाली है लेकिन सरकार द्वारा बहुत ही कम पदो पर भर्ती की गई है जिससे हजारों अतिथि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बावजूद भी नौकरी नहीं पा सके यदि पद बढ़ाया गया होता तो काफी अतिथि शिक्षकों का भर्ती प्रक्रिया में चयन हो गया होता, 30/03/2023 को नियमित शिक्षको को जारी किए गए करीब बारह हजार आदेश के कारण कार्यरत 12000 के आसपास अतिथि शिक्षकों को वेरोजगार किया गया है, आज ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि इन अतिथि शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय हो गया है ना घर के रहे ना घाट के आखिरी इनके भविष्य का क्या होगा, सरकार द्वारा इनके सुरक्षित भविष्य को लेकर कोई नीति नियम बिचार क्यो नही बनाया गया, इतने दिनों तक सेवा देने के बाद कहां जाएं। नियमित शिक्षक के नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद स्कूल हेडमास्टर एवं संकुल प्राचार्य ने अतिथि शिक्षकों को मनमानीपूर्ण तरीके से बिना किसी विभागीय आदेश के बाहर निकालना सुरू कर दिया गया है जबकि अभी सत्र भी समाप्त नहीं हुआ है एवं कार्यरत अतिथि शिक्षकों का चार पांच महीने का वेतन भी भुगतान नहीं किया गया है।
समाचार पत्र के सम्बन्ध से मध्यप्रदेश के समस्त कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय शिवराज सिंह चौहान एवं माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी से अनुरोध किया जा रहा है कि हम अतिथि शिक्षकों का भविष्य आपके हाथ में हैं अतिथि शिक्षक इतने दिनों से सेवा दे रहे हैं नियमित शिक्षक के आ जाने से हमारे भविष्य में संकट के बादल छा गए हैं हमें बाहर ना निकाला जाए हमें भी नियमित किया जाए या निर्धारित वेतनमान पर यथावत रंखा जाएं यदि हमें बाहर किया जाता है तो हम वेरोजगार हों जाएंगे और हमारे बाल बच्चे भूखें मरेंगे।
यदि सरकार समस्त अतिथि शिक्षकों को नही रख सकतीं हैं तो उन अतिथि शिक्षकों को बिल्कुल बाहर ना किया जाए जो वर्ग 3 के अतिथि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं डीएड बीएड प्रशिक्षित है और वर्तमान में कार्यरत हैं RT के समस्त नियमों का पालन करते हैं ऐसे अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण किया जाना न्यायोचित होगा।
मध्यप्रदेश में चुनावी वर्ष चल रहा है कई विभागों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर महाआंदोलन किया जा रहा है ऐसे में अतिथि शिक्षकों को बाहर निकालना उचित नहीं होगा उनके सुरक्षित भविष्य के लिए नीति बनाकर नियमितीकरण किया जाना चाहिए।
ऐसे कई अतिथि शिक्षकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की , जिसमें अतिथि शिक्षक वर्ग 3 - बरमदीन नामदेव ने बताया कि मैं PS Harijanbasti Barseni Black Majhauli District Sidhi ( M P) 2317040554 में अतिथि शिक्षक वर्ग 3 में प्राथमिक विद्यालय में नन्हे मुन्ने बच्चों पढाता हूं, मैं डीएड प्रशिक्षित हूं शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हूं, मेंरा भर्ती प्रक्रिया में पद कम आने से चयन नहीं हो पाया है अब मेरे विद्यालय में नियमित शिक्षक के आने का आदेश हुआ जहां दो अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं किसी ना किसी एक को बाहर निकाला जाएगा हम फिर से वे रोजगार हो जाएंगे । हम कहां जाएंगे हमारे बाल बच्चों का भरण-पोषण कौन करेगा, सरकार से हमारी गुजारिश है की हम अतिथि शिक्षकों को बाहर ना निकाला जाए निश्चित वेतनमान पर यथावत रंखा जाएं अन्यथा हमारा भविष्य बर्बाद हो जाएगा। इसी तरह से राजकुमार जैसवाल,अविनीश तिवारी, अतुल नामदेव, ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है और सरकार से गुहार लगाई है कि हम अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण किया जाए और हमारे भविष्य को सुरक्षित किया जाए

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