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... और ब्रिटिश सरकार को जैसे को तैसा जवाब खालिस्तान समर्थक उपद्रवियों के कारण ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में राष्ट्

... और ब्रिटिश सरकार को जैसे को तैसा जवाब

खालिस्तान समर्थक उपद्रवियों के कारण ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान और कर्मचारियों को हुई परेशानी तथा मेट्रोपोलिटन पुलिस की निराशाजनक कार्रवाई के खिलाफ भारत सरकार की तीव्र प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि, 'भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।'

दरअसल बुधवार को नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग और उच्चायुक्त निवास के सामने से अवरोधक यह कहते हुए दिल्ली पुलिस ने हटा दिया था कि इससे लोगों के आने-जाने में परेशानी होती है। भारत सरकार पिछले तीन दिनों से ब्रिटिश सरकार एवं भारतीय उच्चायोग ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय एवं स्थानीय प्रशासन व पुलिस से सुरक्षा के लिए अनुरोध करता रहा, किन्तु किसी ने प्रभावी कार्रवाई नहीं की। माना जाता है, तभी बुधवार को दिल्ली पुलिस ने अप्रिय कार्रवाई करके कड़ा संदेश दिया कि यदि उनके उच्चायोग को ब्रिटिश सरकार और लंदन का स्थानीय प्रशासन सुरक्षा नहीं दे सकता तो भारत भी उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध नहीं है।

गुरुवार यानि 23 मार्च को ही प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जहां लंदन की पुलिस की उदासीनता के प्रति अपनी नाराजगी जताई थी वहीं विदेश मंत्री क्लेवरली ने मेलजोल की भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि, 'हमारा संयुक्त 2030 रोडमैप हमारी साझेदारी को निर्देशित करता है और दिखाता है कि हम मिलकर काम करें तो क्या कुछ हासिल नहीं कर सकते हैं। हम दोनों देशों के लिए नये बाजार और रोजगार का सृजन कर सकते हैं और साझा चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं। हम भविष्य के लिए ब्रिटेन और भारत के लिए गहन संबंध बनाना चाहते हैं।' ब्रिटिश विदेश मंत्री की बात बिल्वुल सही है, किन्तु जब हमारे मिशन ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो दोनों देशों में व्यापारिक व कूटनीतिक संबंध कैसे बन पाएंगे।

इसलिए सबसे पहले ब्रिटिश सरकार को हमारे मिशनों को सुरक्षा का भरोसा दिलाना होगा और यह तभी संभव है, जब खालिस्तान समर्थक उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।















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