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शादियों में रीति रिवाजों पर ध्यान देना जरूरी बेटी विवाह के पश्चात जब विदा होती है, तो वह देहरी लांघते वक्त बिना पीछे

शादियों में रीति रिवाजों पर ध्यान देना जरूरी

बेटी विवाह के पश्चात जब विदा होती है, तो वह देहरी लांघते वक्त बिना पीछे पलटे अपने पीछे की ओर चावल और पैसे उछाल कर विदा होती है। इसका तात्पर्य यह होता है कि वह लक्ष्मी स्वरूपा अपने साथ, मायके का सौभाग्य लेकर साथ नही लेकर जाए और मायके में अन्न धन हमेशा भरा रहे।

आजकल यह रश्म घर की बजाय फाइव स्टार होटल रिसार्ट, एवं महंगी लान में अदा की जा रही है इसलिए सौभाग्य घर की बजाय होटल रिसॉर्ट पर ज्यादा बरस रहा है। बात को गहराई से समझने की बहुत आवश्यकता है, अभी समय है सम्भल जाएंगे तो अच्छा है।

फैंसी बने लेकिन अपने परम्परा को बचाकर।
कलेवर बदलिए कल्चर नही।
विनम्र अपील इसे आवश्यक समझे।

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