आजम खान पर 89 मुकदमों की कहानी: बकरी-भैंस - किताबें चोरी करने का आरोप, 9 दिन में दर्ज हुई थी 22 FIR; हेट स्पीच में 3 सा
आजम खान पर 89 मुकदमों की कहानी:बकरी-भैंस - किताबें चोरी करने का आरोप, 9 दिन में दर्ज हुई थी 22 FIR; हेट स्पीच में 3 साल की सजा उर्दू नाम के वजह सेआजम खान...आज यह नाम एक बार फिर सबकी जुबान पर है। इसकी वजह है कि एक दिन पहले ही रामपुर MP/MLA कोर्ट ने 2019 लोकसभा चुनाव में दिए गए हेट स्पीच मामले तीन साल की सजा सुनाई है। इस सजा के बाद से उनकी विधायकी जाना तय हो गया है। साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर रोक भी लग सकती है। बीते 6 साल में आजम खान के ऊपर 89 मामले दर्ज किए गए। इसमें से यह पहला मामला है, जिसमें उनके खिलाफ फैसला आया है। बाकी सभी मामलों में आजम खान जमानत पर चल रहे हैं।बकरी चोरी से लेकर किताबें चोरी करने तक का लगा आरोप रामपुर से 12 चुनाव लड़ चुके आजम खान अब तक 10 बार चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में दिए गए एफिडेविट के अनुसार, आजम खान पर सिर्फ 1 मुकदमा दर्ज था। इसके बाद 2017 से 2022 तक आजम के ऊपर एक के बाद एक 89 मुकदमें दर्ज हुए। 2022 विधानसभा चुनाव में दिए गए एफिडेविट मुताबिक, आजम खान के ऊपर 87 केस दर्ज बताए गए हैं। 33 केस में ही धारा 420 का मामला दर्ज हुआ है। इसमें बकरी चोरी, भैंस चोरी, पायल चोरी समेत किताबें चोरी करने जैसे मामले भी दर्ज किए गए। इन्हीं मामलों में तीन मामले सेक्सुअल हैरेसमेंट का है। साथ ही तीन मामले हत्या के प्रयास है।पूरे परिवार पर दर्ज हुए 165 मामले2022 में रामपुर विधानसभा चुनाव से लड़े आजम खान ने एफिडेविट में बताया है कि उनके ऊपर 87 मुकदमें दर्ज हैं। जबकि स्वार विधानसभा से चुनाव लड़े उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने अपने एफिडेविट में बताया है कि उनके ऊपर 43 मुकदमें दर्ज हैं। जबकि आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा के ऊपर 35 मामले दर्ज हैं। इस तरह पूरे परिवार पर 2022 तक 165 मामले दर्ज हुए हैं।15 साल में 87 गुना रफ्तार से बढ़े आजम पर केसआजम खान जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सटी में पढ़ाई कर रहे थे तो उसी समय वह छात्र संघ के महासचिव चुने गए। कांग्रेस की खिलाफत वह तब भी करते थे। उसी समय इमरजेंसी लगी तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। उसके बाद से आजम खान दोबारा 2020 में जेल में गए तो उन्हें निकलने में 27 महीने लग गए। जेल में आजम तो गए ही उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तंजीन फातिमा भी जेल गई। हालांकि, उनकी जमानत पहले हो गई थी।