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सामाजिक समरसता का सन्देश प्रस्तुत करते हुए पीथमपुर नगर शिवाजी बस्ती में वीरगोगादेवजी महाराज की पवित्र छड़ी का पूजन एवं आ

सामाजिक समरसता का सन्देश प्रस्तुत करते हुए पीथमपुर नगर शिवाजी बस्ती में वीरगोगादेवजी महाराज की पवित्र छड़ी का पूजन एवं आरती सम्पन्न हुई

दिनांक १६ अगस्त २०२२, पीथमपुर नगर के शिवाजी बस्ती मे लोकदेवता पुज्यनीय वीर गोगादेवजी महाराज की पवित्र छड़ी को सुरजमल जी शर्मा एवं गोविंद जी पाराशर के परिवार मे आमंत्रित किया एवं सभी समाजजनो ने सपरिवार विधिपूर्वक पूजन किया, एवं धुप, दीप एवं नेवैद्य लगाकर ढोल एवं मृदंग बजाते हुए पवित्र छड़ी की आरती की व प्रसाद ग्रहण किया। पवित्र छड़ी को लेकर पधारे वाल्मीकि समाज के भगतजी श्री कमल जी एवं श्री सोनू जी खरे का साफा बांधकर सम्मान किया। इस अवसर पर सामाजिक समरसता गतिविधि के जिला संयोजक श्री ईश्वरलाल जी तिरोले ने वीर गोगादेवजी महाराज के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक के उनके वीर कहलाने तक के जीवन वृत्त पर विस्तार से जानकारी दी।आपने बताया कि, चौहान वंश में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। गोगाजी को लोकमान्यताओं व लोककथाओं के अनुसार नागो के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग उन्हें गोगाजी चौहान, जाहरवीर व जाहरपीर के नामों से पुकारते हैं। वे गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है। आज देश भर में उनकी बहुत अधिक मान्यता है,लगभग हर प्रदेश में उनकी माढ़ी बनी हुई है इनके भक्त सभी जातियों में मिलते हैं |गोगाजी द्वारा गौरक्षा,राज्य विस्तार, विधर्मी लुटेरों से संघर्ष और अध्यात्मिक साधना जैसे कार्य राष्ट्र के हित में किये गए | जब महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था तब पश्चिमी राजस्थान में गोगाजी ने ही गजनी के आंतक को समाप्त किया
इस अवसर पर सह नगर कार्यवाह श्री नैन सिंह जी तोमर विभाग कुटुंब प्रबोधन सह संयोजक श्री चन्द्रकांत जी नगर संयोजक कप्तान जी राजेश जी खरे सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे

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