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वन महोत्सव के दौरान गुरुग्राम के धनवापुर गाँव के आसपास किया गया पौधारोपण

गुरुग्राम। जन हितकारी संगठन के कार्यकर्ताओं ने रविवार को देश में चल रहे वन महोत्सव  को मनाया। इस अवसर गुरुग्राम के धनवापुर गांव में पौधारोपण किया गया। इसमें छायादार व फलदार पौधे जैसे पीपल, नीम, अमरूद, बड़, शीशम इत्यादि का रोपण किया गया। 

जन हितकारी संगठन के कार्यकर्ता प्रमोद ने बताया है कि, ‘वन महोत्सव भारत में प्रतिवर्ष जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जाने वाला महोत्सव है। यह महोत्सव भारत सरकार द्वारा पौधारोपण को प्रोत्साहन देने के लिए आयोजित किया जाता है।’

उन्होंने कहा कि, ‘हमने विश्व पर्यावरण दिवस पर जो 551 पौधों का रोपण करने की शपथ ली थी, उसका यह दूसरा चरण है और इसे हम सावन के महीने में ही पूरा करेंगे। हमें हृदय से प्रकृति से प्रेम करना चाहिए, क्योंकि प्रकृति अमृत प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।’
  
प्रमोद ने कहा कि, ‘प्रकृति हमारे लिए उपहार है। हमें इस उपहार का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जमीन में गड़ी सम्पत्ति सपना हो सकती है, झूठ हो सकती है लेकिन जमीन के ऊपर की पर्यावरण सम्पत्ति हकीकत है, सत्य है, हमारे पास है। अगर हम पर्यावरण सम्पत्ति को खो देंगे तो पृथ्वी पर हमारा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।’ 

उन्होंने कहा कि, ‘पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो धर्म रहेगा, धर्म रहेगा तो मानवता रहेगी, मानवता रहेगी तो इंसान खुशहाल रहेगा, इसलिए प्रकृति से प्रेम करें। साधना श्वांस से होती है, श्वांस के लिए आक्सीजन अर्थात् प्राण वायु वृक्ष देते हैं, इसलिए पौधारोपण करके उसको पालना बहुत जरूरी है। वृक्ष देवता हैं, भूमि के वस्त्र हैं अर्थात ये सब हमें देने वाले हैं जैसे . वृक्ष, सूर्य, चन्द्रमा, पशु-पक्षी इत्यादि। तुम वृक्षों, पशु-पक्षी इत्यादि की देखभाल करो, ये तुम्हें बदले में बहुत कुछ उपयोगी सामान देंगे। इनको पूजन से कोई लाभ नहीं मिलेगा, केवल देखभाल करने से ही मिलेगा। अतः प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में कम से कम एक पौधा लगाकर उसे पालना चाहिए। वृक्षों से ही हमारा जीवन है, इसलिए हम सभी को पौधे लगाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान जरूर देना चाहिए।’ 

इस अवसर पर पौधारोपण में शशिकांत, सुनील, अरुण, संदीप, मोहित, ईश्वर, अनिल, भूपेन्द्र, अमित आदि ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

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