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चीन के खिलाफ भारत को मिला किन-किन देशों का समर्थन

चीनके खिलाफ भारत को मिला किन-किन देशों का समर्थन

 राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत-चीन सीमा परपैदा हुई स्थिति से अवगत हैं। वहीं, गुरुवारको पत्रकारों से बात करते हुए यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के पूर्वी एशियाई और प्रशांतमामलों के सहायक सचिव ब्यूरो डेविड आर स्टिलवेल ने भी भारत-चीन के बीच तनाव परचिंता व्यक्त की। उन्होंने अपने एक बयान में कहा, 'हमक्या कर रहे हैं, हम स्पष्ट रूप सेभारत-चीन सीमा विवाद को बहुत करीब से देख रहे हैं। भारत-चीन सीमा पर इस तरह कागतिरोध पहले भी हुआ है जब साल 2014 मेंचीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग भारत के दौरे पर गए थे। चीन की सेना इस बार काफीअंदर तक घुस आई थी। उनकी संख्या भी ज्यादा थी। इससे पहले हमने ऐसे ही हालात डोकलाममें देखे थे।'
मालदीव, फ्रांस और इन देशों नेव्यक्त की संवेदना भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प पर मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्लाशाहिद ने ट्वीट कर भारत का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, हिंसक झड़प में शहीद हुएभारतीय जवानों के परिजनों के प्रति मालदीव अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।हमारी प्रार्थना सैनिकों के परिवारों, प्रियजनोंऔर जवानों के साथ है। फ्रांस के दिल्ली स्थित हाई कमीशन, यूरोप, इटली और ऑस्ट्रेलिया नेभी भारतीय जवानों के प्रति अपने संवेदना व्यक्त की है।
जर्मनी, ब्राजील और जापान भी भारतके साथ इन देशों के अलावा भारत में जर्मन दूत ने ट्वीट कर कहा, गलवान में अपने प्रियजनोंको खोने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हमारी संवेदना है। जापान हाई कमीशन ने भीट्वीट कर कहा, भारत के लोगों और गालवानकी ड्यूटी में अपनी जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के परिवारों के प्रति हमारीगहरी संवेदना। इसके अलावा भारत को ब्राजील का भी समर्थन मिला है, दिल्ली स्थित ब्राजीलदूतावास ने गलवान की घटना पर शहीद परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है।

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