
एसडीएम ने 10वीं कक्षा में 94 प्रतिशत अंक लाने वाली चपरासी की बेटी को एक दिन के लिए सौंपी अपनी कुर्सी
नई दिल्ली। बरसों पहले आयी फिल्म नायक एक पत्रकार को एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाये जाने का दृश्य पेश किया गया था। अनिल कपूर अभिनीत इस फिल्म ने दर्शकों की कापफी वाहवाही लूटी थी । हालांकि वह तो एक फिल्मी कहानी थी, जबकि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में ऐसा रियल लाइफ में हुआ है।एसडीएम कांगड़ा जतिन लाल ने दसवीं की परीक्षा में 94 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली अपने ऑफिस के चपरासी की बिटिया को एक दिन की एसडीएम बनाकर नई मिसाल पेश की है।
इसी वर्ष दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली 14 वर्षीय हिना ठाकुर सुबह 11 बजे से एसडीएम कांगड़ा की कुर्सी पर बैठी हैं, जबकि एसडीएम जतिन लाल हिना के बगल में पड़ी दूसरी कुर्सी पर बैठे हैं। हिना सुबह से एसडीएम जतिन लाल के गाइडेंस में एसडीएम ऑफिस की मीटिंगें कर रही हैं। एक दिन की एसडीएम बनायी गयीं हिना को बाहर से आ रहे लोग अपनी प्राॅब्लम्स बता रहे हैं।
एक दिन की एसडीएम बनी हिना ठाकुर का कहना है कि, ‘यह अवसर उनके लिए सपने की भांति है। वह इस सपने को हर हालत में साकार करेंगी। एसडीएम जतिन लाल सर ने मुझे स्वप्न दिखाया है। उसे मैं अवश्य पूरा करूंगी। मैं पहले डॉक्टर बनूंगी, तदुपरांत आईएएस अफसर।’
एसडीएम जतिन लाल ने बताया कि, ‘मुझे कल मेरे चपरासी ने बताया कि उसकी बेटी ने दसवीं कक्षा में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं। उसकी बेटी ने मेरिट में 34वां स्थान हासिल किया है। मैंने उसकी बेटी हिना को सम्मानित करने के लिए अपने आॅफिस बुलवाया। हिना ने कहा कि, ‘वो आईएएस अफसर बनना चाहती है।’ ंफिर मैंने सोचा कि बेटी को एक दिन की एसडीएम बनाया जाये। आज की तिथि में हिना ही एसडीएम है। पूरा कामकाज वही देख रही है। मैं उसके बगल में बैठ कर उसे समझा रहा हूं। ऐसा करने का मेरा मकसद बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान को बढ़ावा देना है, ताकि देश की हर बेटी अपराजिता बनकर सफलता के शिखर पर चढ़े।’