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भाकपा माले की अगुवाई में आज सदर प्रखंड के बदगुंदा खुर्द पंचायत अंतर्गत शादी गवारो, चंदली, अंबा टांड़ तथा चौराही गां

भाकपा माले की अगुवाई में आज सदर प्रखंड के बदगुंदा खुर्द पंचायत अंतर्गत शादी गवारो, चंदली, अंबा टांड़ तथा चौराही गांव/टोला के राशन कार्ड धारकों व ग्रामीणों ने एकजुट होकर स्थानीय एक डीलर की बेतरह जारी मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

इस मोर्चाबंदी की अगुवाई भाकपा माले के सदर प्रखंड ग्रामीण के सचिव पप्पू खान, लोगन सोरेन, मंगल किस्कू, सोखा मुर्मू, संजय चौधरी आदि ने करते हुए कहा कि, कई वर्षों से इस डीलर की मनमानी से लोग त्रस्त हैं। बार-बार की शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही और कार्ड धारियों का शोषण जारी है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आज के कार्यक्रम में मौजूद माले नेता राजेश यादव के समक्ष लोगों ने राशन से जुड़ी अपनी विभिन्न समस्याओं को रखा। राशन में कटौती के अलावा लॉकडाउन राहत के नाम पर अतिरिक्त राशन के वितरण में भी गड़बड़ी की गई है। बुजुर्ग कार्ड धारकों का अंगूठा निशान नहीं लगने पर उन्हें सीधा राशन से वंचित कर दिया जा रहा है। जबकि ऐसे लोगों के लिए भी अपवाद पंजी बना कर राशन वितरण करने की व्यवस्था लागू है। राशन संबंधी त्रुटियों के समाधान के नाम पर डीलर द्वारा रकम की मांग करने पर उसे देने में अक्षम लोग कई-कई वर्षों से राशन से वंचित हैं। ऐसे कई लोग मीटिंग में मौजूद थे। वहीं, चारों ही गांव के लोगों ने कहा कि उनका डीलर काफी दूरी पर है और रास्ता भी जंगल भी जंगल से भरा। इसकी परेशानी अलग से है। सबों ने एक स्वर में गांव में ही राशन दुकान खोल जाने की नितांत आवश्यकता बताई।

वहीं, लोगों की बातों को सुनने के बाद माले नेता राजेश यादव ने कहा कि सरकार राशन के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है। इस मामले में पूर्व और वर्तमान सरकार में कोई फर्क नहीं दिख रहा। यह बिल्कुल गलत है। राशन के साथ-साथ उसकी चोरी पर रोक लगाना और कार्ड धारकों की सुविधा को देखना भी जरूरी है। गांव में राशन दुकान खोलने की ग्रामीणों की मांग बिल्कुल जायज है। भाकपा माले इसका पूरा समर्थन करते हुए प्रशासन से इसे पूरा करने की मांग भी करती है।

उन्होंने लोगों को संगठित होने का आह्वान करते हुए कहा कि, यदि उनकी जायज मांग नहीं सुनी गई तो हम सब मिलकर जिला मुख्यालय में आंदोलन करेंगे। मौजूद ग्रामीणों ने भाकपा माले के इस आह्वान पर जोरदार समर्थन देते हुए संगठन बनाने की प्रक्रिया शुरू की।

मौके पर लोगन सोरेन, मंझला किस्कू, मंगल किस्कू, सोखा मुर्मू, बिनोद बेसरा, कालो बेसरा, दशरथ किस्कू, विजय सोरेन, चरकु हेंब्रम, रामेश्वर टुडू, चरका मुर्मू, ननकु मुर्मू, हरिलाल किस्कू, हीरालाल टुडू, अजित हांसदा, चुनकी देवी, फुलमुनी देवी, बगनमुनी मुर्मू, रानी टुडू, सोमरी देवी, सुकुरमुनी किस्कू समेत अन्य मौजूद थे।

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