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बॉर्डर पर पहुँचे भारत-नेपाल के सौ से अधिक प्रवासी कामगार

 रक्सौल (पूर्वी चम्पारण)। कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन में मजदूरों का भरण-पोषण काफी मुश्किल हो गया है। भारतीय कामगार पड़ोसी देश नेपाल में जाकर पछता रहे हैं। उधर सीमा सील होने के कारण दो देशों के नियम के तहत लोग इधर-उधर भटकने को विवश हैं। जब मजदूरों को कोई उपाय नहीं सूझा, तो वे जैसे तैसे सीमा पर पहुँच गए हैं। 

अभी मिली खबर के अनुसार, लगभग 50 की संख्या भारतीय नागरिक अपनी जान जोखिम में डालकर भारत-नेपाल बॉर्डर पर पहुँचे हैं। उन्होंने बताया कि, ‘उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। अभी दो दिन पहले ही एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। वे लोग अपने घर यूपी के शाहजहांपुर जाना चाहते हैं और प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि जैसे भी उनके घर तक पहुँचाया जाए।’

दूसरी ओर, लगभग 70 की संख्या में नेपाली लोग भारत के अन्य राज्यों से बस के द्वारा रक्सौल आए हैं, जो नेपाली नागरिक हैं और अब वे नेपाल जाना चाहते हैं। उन्हें फिलहाल प्रशसन ने रोक रखा है। अब देखने वाली बात है कि इन बेबसों का सहारा कौन बन रहा है और क्या ये अपने घर जा पाएंगे। वहीं इस वक्त इन लोगों के मसीहा फिलहाल श्रीराम पथ के लोग व रंजीत सिंह बने हुए हैं। उन्होंने इन भूखे को भोजन कराने का जिम्मा लिया है। श्रीराम पथ के लोग राम रसोई के माध्यम से इन प्रवासियों को  भोजन करा रहे हैं।

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