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दुष्कर्म के मामले में आरोपित को नहीं मिली जमानत

वाराणसी। दुष्कर्म के मामले में रमना थाना लंका निवासी आरोपित अभिलाष दूबे उर्फ मोना की जमानत याचिका सुनवाई के बाद व अपराध की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय की अदालत ने खारिज कर दी। अदालत में वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा व उनके सहयोगी रोहित मिश्रा, सनी गुप्ता ने पक्ष रखा।

⚡अभियोजन पक्ष के अनुसार मिर्जापुर हाल पता सीरगोवर्धन थाना लंका निवासनीय वादिनी 20 अक्टूबर 2020 को थाना लंका में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप है कि वह गठिया रोग से परेशान थीं, जिसके इलाज के लिए वह ट्रामा सेंटर बीएचयू में गयीं थी, वहीं पर काम करने वाले अभिलाष दूबे उर्फ मोना से मुलाकात हुई।

दोनों लोगों में काफ़ी बातचीत होने लगीं और लगाव बढ़ गया। फिर दोनों ने फैसला किया कि हम लोग शादी कर ले। वादिनी को बहला-फुसलाकर मंगला गौरी मंदिर में 17 अगस्त 2016 को विवाह हिंदू रीति रिवाज से शादी सम्पन्न किया।

शादी से पूर्व दोनों से एक बच्चा भी ठहर गया था, जिसका अभिलाष दुबे द्वारा गर्भपात करा दिया गया। अभिलाष दूबे रात में दारू पीकर वादिनी के साथ बलात्कार करते थे और मारते पीटते थे और कहता था किसी से कहोगी तो जान से मार देगें।

कुछ समय बीतने के बाद उसके मित्रों जिसका नाम बृजेश सिंह, मोहन सिंह, डॉ अमृत शर्मा द्वारा पता चला कि अभिलाष दूबे की शादी 28 अप्रैल 2014 को ज्योति मिश्रा के साथ हुआ। इन दोनों से पहले ही एक पुत्र है। वादिनी को जब यह पता चला तो वह मानसिक रूप से काफ़ी परेशान हो गयी और अभिलाष दूबे से कही कि आपने मेरे साथ धोखा किया है।

अभिलाष दूबे ने वादिनी से जमीन खरीदने के नाम पर तीन लाख पचास हजार रूपये, लंका में लैब खोलने के लिए 80 हजार रूपये तथा गाड़ी खरीदने के लिए 60 हजार रुपये लिया और जाते समय वादिनी से लगभग दो लाख रूपये छीन लिया और बोला कि तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहता हूं। वादिनी द्वारा की बार उसे पैसा दिया गया और वादिनी अब उसके साथ रहना चाहती है।

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