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नियमों की खुलेआम धज्जियाँ—लोध क्षाल के बहाने फल-फूल रही अवैध तस्करी, ?लोध क्षाल की आड़ में अवैध तस्करी का खेल ?


लोध क्षाल की आड़ में अवैध तस्करी का खेल, पर मिलीभगत के गंभीर आरोप ?

क्षेत्र में लोध क्षाल के नाम पर चल रही अवैध तस्करी ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।?

सूत्रों के अनुसार, यह पूरा अवैध कारोबार की कथित मिलीभगत से खुलेआम संचालित हो रहा है। ?

हैरानी की बात यह है कि जिन पर जंगल और वन संपदा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वही इस अवैध धंधे को संरक्षण देने के आरोपों के घेरे में हैं। ?

स्थानीय ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों का आरोप है कि लोध क्षाल की आड़ में प्रतिबंधित वन उपज की ढुलाई लगातार की जा रही है,?

लेकिन न तो किसी प्रकार की सख्त जांच होती है और न ही प्रभावी कार्रवाई। इससे स्पष्ट होता है कि तस्करों को अंदरूनी संरक्षण प्राप्त है,?

जिसके बिना इस स्तर पर अवैध गतिविधि संभव नहीं।

यह मामला केवल वन संपदा के दोहन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही, भ्रष्टाचार और जवाबदेही के अभाव का भी गंभीर उदाहरण है।?

यदि समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो इसका सीधा असर पर्यावरण, वन्यजीव और स्थानीय आजीविका पर पड़ेगा। ?

ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, दोषी कर्मियों और तस्करों पर कठोर कार्रवाई हो ?

तथा अवैध तस्करी पर तत्काल रोक लगाई जाए। ?

अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर आरोप को कितनी गंभीरता से लेते हैं या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।

खबर/जन-जन कीआवाज

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