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नववर्ष के आगमन को लेकर मोहम्मदगंज(भीमनगर)के पर्यटक स्थल गुलजार

मोहम्मदगंज।पलामू।झारखंड
प्रकृति की गोद मे बसा झारखंड राज्य के पलामू जिलान्तर्गत मोहम्मदगंज(भीमनगर)के पर्यटक स्थल नववर्ष के स्वागत के तैयार है।पर्यटक स्थल दिसंबर के पहले सप्ताह से ही गुलजार है,जनवरी माह के अंत तक पर्यटक स्थलों पर पिकनिक मनाने और परिवार ,मित्र सगे सम्बन्धियो के साथ घूमने और प्रकृति का आनन्द लेने के लिए लोगो का तांता लगा रहता है।वैसे तो सालों भर लोग घूमने आते रहते है,पर दिसम्बर और जनवरी माह में ज्यादा रौनक रहता है।मोहम्मदगंज(भीमनगर) एक और भौराहा पहाड़ी श्रृंखला के हरे भरे वादी तो दूसरी और कलकल करती उतर कोयल नदी के बीच स्थित है।जिसके बीचोबीच रेहला बी मोड़,विश्रामपुर से जपला मुख्य पथ गुजरती है।मुख्य पथ में उतर कोयल भीम बराज के पास ऐतिहासिक भीम चूल्हा स्थल पर्यटकों का सबसे पसंदीदा जगह है,भीम चूल्हा स्थल महाभारत कालीन पांडवो के अज्ञातवास इतिहास से जुड़ा हुआ है,जहाँ तीन विशाल पत्थर चूल्हा के रूप में अवस्थित है,और पत्थरों पर मानव के पैरों के निशान है,जिसे पांडवो के पैरों का निशान बताया जाता है।मोहम्मदगंज स्थित भीम बैराज के निर्माण काल मे तत्कालीन मोहम्मदगंज बाजार समिति के सदस्यों ने शिव मंदिर की आधारशिला रखकर निर्माण करवाया,जिसमे आसपास के ग्रामीणों का भी सहयोग रहा।जहाँ मकरसंक्रांति, महाशिवरात्रि और सावन में पूजा अर्चना के लिए काफी भीड़ रहता है।पातालपुरी हनुमानजी का मंदिर भी आकर्षक जीवंत लगता है।भीम चूल्हा स्थल को अब राज्य स्तरीय पर्यटन स्थल (बी श्रेणी) का दर्जा मिल गया है साथ ही राष्ट्रीय स्तर(ए श्रेणी) के लिए प्रस्तावित है।सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा स्थल के पास एक वाच टॉवर और फूल का पार्क बनाया गया है,जो स्थल की सुंदरता को बढ़ाता है, इस वर्ष नवम्बर माह में बराज के संरक्षित जल क्षेत्र में दो मोटर बोट की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है,जिस कारण और भी भीड़ बढ़ गई है,और उक्त स्थल पर खाने पीने की कई दुकानें भी खुल गई है।भीम चूल्हा स्थल के अलावा भौराहा पहाड़ी पर बना आई बी (निरीक्षण भवन) जहाँ से कोयल नदी, सनसेट, सनराइज और मोहम्मदगंज(भीमनगर)का नैसर्गिक मनमोहक दृश्य का तस्वीर लेने की होड़ रहती है।पूर्व मध्य रेल के डेहरी ऑन सोन -गढ़वा रोड रेलखंड में मोहम्मदगंज और सतबहिनी स्टेशन के बीच रेल सुरंग है,जहाँ भी लोग देखने और घूमने जाते हैं।काशीस्त्रोत डैम जो पहाड़ की तलहटी में है,जहाँ एक दशक पूर्व दिन में भी उग्रवादियों के शरण स्थली था आज पर्यटक का केंद्र बन गया है।सिताचुआ स्थल जहाँ पूरे गर्मी के मौसम में भी पानी नही सूखता।सोन और कोयल नदी संगम के पास पंसा गांव का सूर्य मंदिर भी पिकनिक मनाने और घूमने वालो का पसंदीदा जगह है।इन सब के अलावा कई रमणीक स्थल है जो मोहम्मदगंज क्षेत्र में है।क्षेत्र के पर्यटन स्थलों के समुचित विकास की आवश्यकता है।

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