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पुडुचेरी 2025: पूर्ण राज्य बनाने की मांग जारी, बिना विभाग के मंत्री और नए दलों की सक्रियता चर्चा में

पुडुचेरी: 31 दिसंबर (भाषा) पुडुचेरी के राज्य बनने की मांग 2025 में भी जारी रही। बीते साल इस केंद्र शासित प्रदेश ने मूसलाधार बारिश का सामना किया, मंत्रिमंडल में लंबे समय तक बिना विभाग के रहे एक मंत्री और विधानसभा चुनाव से पहले एक नयी राजनीतिक पार्टी के गठन ने सभी का ध्यान खींचा।

राजनीतिक गलियारों में जून 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मंत्री साई जे. सरवना कुमार का एन. रंगासामी नीत गठबंधन मंत्रिमंडल से इस्तीफा चर्चा का विषय रहा। सरवना कुमार विधानसभा की ओसुडु (सुरक्षित) सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कुमार ने दावा किया कि उन्होंने भाजपा आलाकमान के निर्देश पर इस्तीफा दिया था।

इसके बाद कामराज नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के ए. जॉन कुमार को जुलाई में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। हालांकि, कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या छह होने के बावजूद जॉन कुमार को अब तक कोई विभाग का प्रभार नहीं दिया गया।

इसी दौरान भाजपा पदाधिकारियों ई. थीपैंजन, वी. सेल्वम और जीएनएस राजशेखरन को विधानसभा का मनोनीत सदस्य नियुक्त किया गया। यह नियुक्तियां जुलाई में तीन पूर्व मनोनीत सदस्यों के इस्तीफे के बाद की गईं। मनोनीत सदस्यों सहित विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 33 है।

वित्त विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे मुख्यमंत्री रंगासामी ने मार्च में विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 13,600 करोड़ रुपये का कर-मुक्त बजट पेश किया।

सत्तारूढ़ ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों ने भी पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाए रखा। वर्षों पुरानी मांग को लेकर दलों का तर्क है कि केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण मौजूदा व्यवस्था में निर्वाचित सरकार प्रभावी रूप से शक्तिहीन बनी रहती है।

इस साल की अंतिम तिमाही में पुडुचेरी में भारी बारिश हुई, जिससे 2024 जैसी बाढ़ की आशंका फिर से पैदा हो गई। हालांकि, आशंकाओं के विपरीत, बहुचर्चित चक्रवात ‘दित्वा’ से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।

उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन को भाजपा, विपक्षी कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की ओर से ज्ञापन सौंपे गए जिनमें पुडुचेरी में कथित नकली दवाओं के निर्माण और देश के विभिन्न राज्यों में उनकी आपूर्ति की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की गई।

अभिनेता से नेता बने और तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय ने 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले नौ दिसंबर को पुडुचेरी में अपनी पहली राजनीतिक रैली को संबोधित किया।

पड़ोसी तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार पर तीखे हमलों के उलट, विजय ने यहां रंगासामी सरकार की खुलकर सराहना की। उन्होंने यहां तक कहा कि द्रमुक सरकार को पुडुचेरी से सीख लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री रंगासामी के प्रति उनकी कथित नजदीकी के चलते इन टिप्पणियों ने राजनीतिक हलकों में खासा ध्यान खींचा।

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